तिरुपति मंदिर के प्रसाद लड्डू को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, लड्डू बनाने में घी के बजाय जानवरों की चर्बी और मछली का तेल इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है। इस मामले में तिरुमाला तिरुपति मंदिर के पूर्व मुख्य पुजारी रमण दीक्षाथलु ने गंभीर आरोप लगाए हैं।
पूर्व पुजारी का खुलासा
रमण दीक्षाथलु ने कहा कि उन्होंने कई साल पहले ही देख लिया था कि प्रसाद बनाने में गाय के घी में मिलावट की जा रही है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों और देवस्थानम के प्रमुख को इस बारे में शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने यह भी कहा, “यह एक बड़ा पाप है, जो लोगों की आस्था और मंदिर की पवित्रता को प्रभावित कर रहा है।”
रमण दीक्षाथलु ने आगे बताया कि पहले सरकार की डेयरियों से घी खरीदा जाता था, लेकिन पिछले पांच वर्षों में लड्डू में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिलाने का गंभीर पाप हुआ है। उन्होंने सभी से अपील की है कि पवित्र मंदिर में ऐसी गलतियाँ दोबारा न हों, क्योंकि यहाँ करोड़ों भक्तों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है। यह खुलासा भक्तों के लिए एक बड़ा झटका है और इससे उनकी चिंताएँ बढ़ गई हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी इस मुद्दे को उठाया है, उनका कहना है कि जानवरों की चर्बी का उपयोग करके तिरुपति लड्डू की पवित्रता को खराब किया जा रहा है। हालांकि, YSR कांग्रेस पार्टी ने इन आरोपों का खंडन किया है। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री अपने परिवार के साथ मंदिर में शपथ लेने की तैयारी कर रहे हैं।
देवस्थानम बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सुब्बा रेड्डी ने नायडू को बिना सबूत के बोलने पर चुनौती दी है और कहा है कि यह सब एक राजनीतिक स्टंट है। वहीं, तेलुगु देशम पार्टी के प्रवक्ता अनम वेंकट रमना रेड्डी ने आरोप लगाया है कि इस मामले से दुनिया भर में हिंदुओं का अपमान हो रहा है।
जांच रिपोर्ट
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की एक रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में तैयार किए जाने वाले लड्डू में बीफ की चर्बी, अन्य जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिलाया गया है। हैरानी की बात यह है कि ये लड्डू न केवल श्रद्धालुओं को दिए गए, बल्कि भगवान को भी इन्हीं लड्डुओं का प्रसाद चढ़ाया गया।
यह खुलासा भक्तों के लिए एक बड़ा झटका है और इसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह देखना है कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और तिरुपति लड्डू की पवित्रता कैसे सुनिश्चित की जाएगी।