बीजेपी सांसद और विपक्षी नेताओं के बीच भिड़ंत
यह घटना उस समय घटी जब कल्याण बनर्जी और अभिजीत गंगोपाध्याय के बीच वक्फ बिल को लेकर तीखी नोकझोंक हो गई। सूत्रों के मुताबिक, बहस के दौरान बनर्जी के हाथ में चोट लग गई, जिससे उन्हें प्राथमिक उपचार भी देना पड़ा। इसके बाद उन्हें एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह के साथ बैठक से बाहर जाते देखा गया। अधिकारियों ने इस दौरान बनर्जी को सूप भी दिया।
विपक्ष ने वकीलों के समूह से बातचीत का विरोध किया
समिति की बैठक मंगलवार को बीजेपी सांसद जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता में चल रही थी, जिसमें सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और वकीलों का एक समूह वक्फ बिल पर विचार साझा कर रहा था। इसी बीच विपक्षी सांसदों ने इस बात पर सवाल उठाया कि इस विधेयक से उनका क्या लेना-देना है। इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई, और बात इतनी बढ़ गई कि हंगामा खड़ा हो गया।
सोमवार को भी हुआ था हंगामा
इससे पहले सोमवार को भी वक्फ संशोधन विधेयक पर JPC की बैठक में हंगामा हुआ था। उस समय अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा विधेयक पर प्रेजेंटेशन दिए जाने के दौरान सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी दलों के सांसदों के बीच तीखी तकरार हुई थी। विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार को इस बिल को पेश करने की कोई जरूरत नहीं थी, क्योंकि इससे पहले तक इस विधेयक को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी।
अभिजीत गंगोपाध्याय ने पीएम से शिकायत करने का किया ऐलान
बीजेपी सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय ने टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी को सस्पेंड किए जाने के बाद कहा कि वह इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर शिकायत करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं पीएम मोदी से इस बात की शिकायत करूंगा कि टीएमसी के खिलाफ नरम रुख अपनाया गया है। मैं अपनी पार्टी के नेताओं के रुख से भी दुखी हूं।”
टीएमसी सांसद का गुस्से में आकर बोतल फेंकना
कल्याण बनर्जी ने बीजेपी सांसद गंगोपाध्याय से बहस के दौरान इतनी जोरदार प्रतिक्रिया दी कि वह अपनी गुस्से की हालत में पानी की शीशे की बोतल फेंक बैठे, जो टूट गई। इसके बाद, इस घटना को लेकर समिति में और भी हलचल मच गई और बनर्जी को सस्पेंड कर दिया गया।
बैठक की गंभीरता और विपक्षी सांसदों का विरोध
विपक्षी दलों के सांसदों ने इस बैठक के दौरान वक्फ बिल को लेकर चिंता जताई और कहा कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों के अधिकारों को खतरे में डाल सकता है। इस पर सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के सांसदों के बीच तीखी बहस और टकराव हुआ, जिससे बैठक में काफी हंगामा हुआ।
इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि वक्फ संशोधन विधेयक पर बनी JPC की बैठक में दोनों पक्षों के बीच मतभेद और तीखा विरोध जारी है, और इसने संसदीय माहौल को तनावपूर्ण बना दिया है।