नई दिल्ली: आज सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ का आखिरी कार्य दिवस है। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई अहम फैसले दिए हैं जो भारतीय न्याय व्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित हुए हैं। चंद्रचूड़ ने न्यायपालिका को और सशक्त बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जिससे उनकी विदाई पर उनके योगदान को याद किया जा रहा है।
कुछ अहम फैसले जो रहे यादगार
CJI चंद्रचूड़ के कार्यकाल में कई ऐतिहासिक और समाज के लिए महत्वपूर्ण फैसले हुए। इनमें से कुछ ऐसे फैसले थे, जिन्होंने न केवल कानून की व्याख्या को प्रभावित किया, बल्कि समाज में बेहतर बदलाव लाने का भी काम किया।
1. निजता का अधिकार
CJI चंद्रचूड़ के नेतृत्व में, सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में पुटस्ज़ीफ व भारत सरकार मामले में निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता दी थी। यह फैसला देश में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गोपनीयता को लेकर महत्वपूर्ण साबित हुआ। इसके बाद, सरकार और अन्य संस्थाएं अब किसी भी व्यक्तिगत जानकारी को बिना अनुमति के साझा नहीं कर सकतीं। यह निर्णय आज भी न्यायिक इतिहास में अहम माना जाता है।
2. समानता और लिंग आधारित भेदभाव
CJI चंद्रचूड़ ने महिला अधिकारों और लिंग समानता के लिए कई फैसले दिए। उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं को समान अधिकारों के प्रति न्याय दिलाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। 2022 में उन्होंने सेलिना वर्सेस भारत सरकार मामले में यह माना कि महिलाओं को सेना में स्थायी कमीशन देने का अधिकार है, जो पहले सिर्फ पुरुषों को ही दिया जाता था। यह फैसला महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम था।
3. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को सख्ती से बरकरार रखा और इस पर कोई भी अवरोध डालने के खिलाफ कई फैसले दिए। मानवीय अधिकार और प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर चंद्रचूड़ का दृष्टिकोण बहुत स्पष्ट था। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि मीडिया और नागरिकों को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार हो।
4. LGBTQIA+ अधिकारों का समर्थन
CJI चंद्रचूड़ ने 2018 में नाज फाउंडेशन व भारत सरकार के मामले में इतिहास रचा। सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को आंशिक रूप से रद्द कर दिया था, जिससे समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया था। इस फैसले ने समलैंगिक समुदाय के अधिकारों को कानूनी मान्यता दी और उनकी सामाजिक स्थिति में सुधार करने की दिशा में एक बड़ा कदम था। चंद्रचूड़ का मानना था कि हर व्यक्ति को अपनी पहचान और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सम्मान मिलना चाहिए।
5. चुनाव प्रक्रिया में सुधार
चंद्रचूड़ ने चुनावों के दौरान दान की पारदर्शिता और चुनावी खर्चों को लेकर भी कई अहम फैसले दिए। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि चुनावी प्रक्रिया अधिक पारदर्शी हो और वोटिंग अधिकारों की रक्षा की जाए।
CJI चंद्रचूड़ के कार्यकाल ने भारतीय न्यायपालिका में कई सकारात्मक बदलाव किए। उनकी न्यायिक समझ और संवेदनशीलता ने उन्हें भारतीय न्यायपालिका का एक महत्वपूर्ण चेहरा बना दिया। उनकी दिशा-निर्देशों और फैसलों ने लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति आम लोगों का विश्वास बढ़ाया। उनके कार्यकाल में न्यायपालिका ने समाज के वंचित वर्गों के अधिकारों को सुरक्षित करने की दिशा में कई कदम उठाए।
उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि न्यायपालिका के फैसले समाज में बदलाव लाने और लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए हों। उनका मानना था कि न्याय का मतलब सिर्फ क़ानून नहीं, बल्कि इंसानियत भी है। यही वजह है कि उनके द्वारा लिए गए फैसले समाज में लंबे समय तक याद रखे जाएंगे।