गुजरात : बोटाद में रेलवे ट्रैक पर रखे 4 फीट लंबे लोहे से टुकड़े, ट्रेन पलटाने की थी साजिश!

गुजरात में एक बार फिर ट्रेन को डिरेल करने की कोशिश की गई है। बुधवार सुबह ओखा-भावनगर पैसेंजर ट्रेन बोटाद में एक 4 फीट लंबे लोहे के टुकड़े से टकरा गई। इस टक्कर के बाद ट्रेन का इंजन बंद हो गया, जिससे बड़ा हादसा टल गया। यह घटना उस समय हुई जब ट्रेन बोटाद से गुजर रही थी। इससे पहले, गुजरात के सूरत में भी रेलवे ट्रैक के साथ छेड़छाड़ की गई थी, जहां अज्ञात लोगों ने पटरी के बीच फिश प्लेट खोल दिए थे। अब बोटाद में भी ऐसे ही खतरनाक प्रयास की सूचना मिली है। अज्ञात व्यक्तियों ने रात में ओखा-भावनगर पैसेंजर ट्रेन के मार्ग पर लोहे का टुकड़ा रख दिया।

ट्रेन खड़ी रही तीन घंटे

टक्कर के बाद, ट्रेन लगभग तीन घंटे तक खड़ी रही। रेलवे अधिकारियों ने तुरंत आरपीएफ और राणपुर पुलिस के साथ मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। लोहे का टुकड़ा कुंडली गांव से लगभग 2 किलोमीटर दूर रखा गया था। पुलिस मामले की जांच कर रही है। रेलवे ने दूसरे इंजन की मदद से ट्रेन को गंतव्य की ओर रवाना किया। यह घटना लगातार हो रही रेलवे पटरियों से छेड़छाड़ के मामलों की कड़ी में एक और उदाहरण है।

एनआईए की मदद पर विचार

पिछले कुछ समय में कई राज्यों में रेलवे पटरियों को निशाना बनाया गया है। इस बढ़ती समस्या को देखते हुए रेलवे अब एनआईए की मदद लेने पर विचार कर रहा है। मध्य प्रदेश में हाल ही में एक आर्मी स्पेशल ट्रेन के रूट पर 10 डेटोनेटर रखे गए थे, जो ट्रेन के आने से पहले फट गए थे। इसी तरह, यूपी के रामपुर में भी अराजक तत्वों ने रेल की पटरी पर टेलीफोन का खंभा रख दिया था। इन घटनाओं ने रेलवे सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

पहले भी हो चुके हैं ट्रेन डिरेल करने के प्रयास

कानपुर में हुई थी खतरनाक घटना

हाल ही में उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक ऐसी ही घटना सामने आई थी, जहां प्रेमपुर रेलवे स्टेशन पर 5 किलो का गैस सिलेंडर ट्रैक पर रखा मिला। जब एक ट्रेन गुजर रही थी, तब ड्राइवर ने चतुराई से इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका। यह घटना सुबह 5:50 बजे की थी। रेलवे की टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर सिलेंडर को ट्रैक से हटाया और मामले की जांच की।

कालिंदी एक्सप्रेस पर हमला

इससे पहले, 8 सितंबर को कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की भी कोशिश की गई थी। उस दौरान ट्रेन के सामने एक भरा हुआ LPG सिलेंडर रखा गया था, जो ट्रेन के इंजन से टकरा गया। टक्कर के बाद जोरदार आवाज सुनाई दी, लेकिन बड़े हादसे से बचा जा सका। इस मामले में पेट्रोल से भरी बोतलें, माचिस और बारूद भी बरामद किया गया।

बठिंडा में रेलवे ट्रैक पर मिले लोहे के सरिये

पंजाब के बठिंडा में दिल्ली-बठिंडा रेलवे ट्रैक पर तड़के करीब 3 बजे लोहे के 9 सरिये पाए गए। यह घटना तब हुई जब एक मालगाड़ी ट्रैक से गुजर रही थी। सरियों की वजह से ट्रेन को सिग्नल नहीं मिला, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। ट्रेन के ड्राइवर की सूझबूझ से हादसा तो टल गया, लेकिन इसके बाद जांच के दौरान ये सरिये बरामद हुए। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। अब वह यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ये सरिये जानबूझकर रखे गए थे या इसके पीछे कोई और वजह है।

जांच में कई एजेंसियां शामिल

इन घटनाओं की जांच में एनआईए, यूपी एटीएस, पुलिस और जीआरपी शामिल हैं। यह स्पष्ट है कि इस तरह की साजिशों का मकसद यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालना है। इन घटनाओं ने रेलवे सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे खतरनाक प्रयासों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

 

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