उत्तराखंड में देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु डॉक्टरों का स्टाइपेंड बढ़ाने को लेकर पिछले आठ दिनों से विरोध जारी है. प्रशिक्षु डॉक्टर अपनी ड्यूटी देने के बाद स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं. इंटर्न डॉक्टर अपनी मांग को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र भी लिख चुके हैं, जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रदेश में एमबीबीएस की फीस ज्यादा और स्टाइपेंड सबसे कम है.
उत्तराखंड में प्रशिक्षु डॉक्टरों को अभी साढ़े सात हजार रुपये मासिक दिए जा रहे हैं. यानी की 250 रुपये प्रतिदिन. जबकि उनकी मांग है कि मासिक उन्हें 23 हजार रुपये दिये जाएं. दून मेडिकल कॉलेज में 136 प्रशिक्षु एमबीबीएस डॉक्टर इसी मांग को लेकर विरोध कर सरकार से गुहार लगा रहे हैं. दून समेत पूरे प्रदेश में 330 इंटर्न डॉक्टर हैं. दून मेडिकल कॉलेज समेत हल्द्वानी और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में भी प्रशिक्षु एमबीबीएस डॉक्टरों का धरना जारी है.
प्रशिक्षु एमबीबीएस डॉक्टरों का कहना है कि उत्तर भारत के राज्यों की बात करें तो उत्तराखंड प्रशिक्षु एमबीबीएस को सबसे कम भुगतान करने वाला राज्य है. दिल्ली में 23, उत्तर प्रदेश में 12 और हिमांचल प्रदेश में 17 हजार रुपये मासिक दिया जा रहा है.
उनका ये भी आरोप है कि पिछले दो माह से उनका भुगतान भी नहीं हुआ है. पिछले 10 वर्षों से स्टाइपेंड बढ़ाने को लेकर पहले भी उनके सीनियर्स की ओर से कई बार आवाज उठाई गई लेकिन कोई कार्यवाही इसको लेकर नहीं हुई है. उधर दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने बताया कि उनकी मांग का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है. शासन स्तर पर ही इसको तय किया जाना है..