अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टेक्सास और ओहियो में हुई गोलीबारी के बाद नफरत के खिलाफ कुछ बातें कही हैं। लेकिन उन्होंने इस दौरान श्वेत राष्ट्रवाद को लेकर कुछ नहीं कहा। उन्होंने इन दोनों ही घटनाओं के लिए मानसिक बीमारी को जिम्मेदार बताया है। न्यूजर्सी में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा, “नफरत की हमारे देश में कोई जगह नहीं है और हम इस बात का आगे ख्याल रखेंगे।”
टेक्सास के एल पासो में गोलीबारी कर 20 लोगों की हत्या करने वाला 21 साल का एक श्वेत व्यक्ति था। उसने श्वेत राष्ट्रवाद का मेनिफेस्टो भी ऑनलाइन शेयर किया था। इस आठ पन्ने के मेनिफेस्टो में उसने वो बातें भी लिखीं जो ट्रंप ने कही थीं। जैसे ‘उन्हें वापस भेजो।’ ट्रंप ने हाल ही में ये टिप्पणी चार कांग्रेस विमेन के रंग को लेकर की थी।
टेक्सास के आरोपी ने ऑनलाइन मेनिफेस्टो में लिखा है, “मैं बस अपने देश को आक्रमण द्वारा लाए गए सांस्कृतिक और जातीय प्रतिस्थापन से बचा रहा हूं।” वहीं डेटन के ओहियो में गोलीबारी कर नौ लोगों की हत्या 24 साल के व्यक्ति ने की है। 24 घंटे से भी कम समय में हुई दोनों गोलीबारी में कुल 60 लोग घायल हो गए हैं।
ट्रंप ने कहा है कि “जो कुछ भी हम करते सकते हैं,” इसके लिए मैंने अटॉर्नी जनरल विलियम बार, एफबीआई डायरेक्टर क्रिस्टोफर व्रे और कांग्रेस के सदस्यों से बातचीत की है। “हमें इसे रोकना होगा। यह हमारे देश में वर्षों से चल रहा है। हमें इसे रोकना होगा।”
ट्रंप ने आगे कहा, “हम बहुत सारे लोगों से बात कर रहे हैं और कई सारी चीजें कार्य में हैं, और कई अच्छी चीजें। लेकिन ये एक मानसिक बीमारी की समस्या भी है, अगर आप ये दोनों मामले देखें तो, ये मानसिक विकार है। ये वो लोग हैं जो बुरी तरह से मानसिक तौर पर बीमार हैं। तो कई चीजें हो रही हैं। कई चीजें अभी हो रही हैं।”
हालांकि अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है, जिससे ये साबित हो सके कि जो कुछ भी हुआ वो मानसिक विकार के कारण हुआ है। वहीं कई डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार इन घटनाओं के लिए ट्रंप की नस्लवादी बयानबाजी को जिम्मेदार मान रहे हैं। उनका कहना है कि ट्रंप के नस्लवादी बयानों से घरेलू आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा है। कमला हैरिस, पीट बुटएजएज और बर्नी सैंडर्स इस चरमपंथ के लिए ट्रंप के कट्टरवाद को जिम्मेदार मान रहे हैं।