Saturday, May 24, 2025

ट्रंप की बढ़ी टेंशन! सीन पलटा, भारत-चीन निकले सबसे आगे, अमेरिका अब पिछड़ता ही जा रहा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिस रफ्तार से अपनी ताकत बढ़ाई है, वे किसी को भी उनसे आगे बढ़ने देना नहीं चाहते। इसलिए उन्होंने दुनिया के कई देशों पर टैरिफ यानी भारी टैक्स लगाकर उनकी आर्थिक बढ़त को रोकने की कोशिश की। खासतौर पर उन देशों पर टैक्स बढ़ाया गया जो अमेरिका से अधिक वसूली करते थे, जिनमें चीन प्रमुख है।

ट्रंप ने भारत को भी ‘टैरिफ किंग’ की उपाधि दी है। अमेरिका अपनी आर्थिक शक्ति को बरकरार रखने और विश्व में अपनी बादशाहत कायम रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। लेकिन पिछले 20 वर्षों के (Trump worried) आंकड़ों को देखें तो साल 2003 से 2023 तक आर्थिक विकास और जीडीपी के मामले में चीन और भारत इस दौड़ में सबसे आगे रहे हैं, जबकि अमेरिका पांचवें स्थान से भी नीचे है। इसके कोई भी संकेत नहीं दिखते कि अमेरिका जल्द ही इस रेस में शीर्ष पर वापस आएगा।

भारत  इस रेस में सबसे आगे

वहीं साल 2025 से अगले 50 साल के पैटर्न को समझने की कोशिश करें तो भारत के इस रेस में सबसे आगे रहने की संभावना है। जबकि चीन और अमेरिका के काफी पीछे रहने की संभावना है। ऐसे में ट्रंप का परेशान होना स्वाभाविक है। जिस तरह की रिपोर्ट सामने आ रही है। ऐसा लगता नहीं है कि आने वाले दिनों में ट्रंप जिस सपने के साथ आगे बढ़ रहे हैं वो आगे कभी पूरा हो सकेगा। आइए जरा पन्नों को एक बार फिर पलटते हैं और 2000 के उस दौर को दोबारा जीने की कोशिश करते हैं, जहां भारत की इकोनॉमी एक ट्रिलियन से भी आधी थी और चीन अपनी स्पीड को बढ़ाने का प्रयास कर रहा था। वहीं अमेरिका और यूरोपीय देशों की बादशाहत पूरी तरह से कायम थी।

साल 2003 में कैसा था इकोनॉमी का सीन?

अब से करीब 20 से 22 बरस पहले ग्लोबल इकोनॉमी का सीन पूरी तरह से बदला हुआ था। मैक्रोट्रेंड के आंकड़ों के अनुसार उस समय दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी अमेरिका की जीडीपी 11 टिलियन डॉलर से ज्यादा थी। वहीं दूसरी ओर चीन इस मोर्चे पर काफी पीछे था. मैक्रोट्रेंड के डाटा के अनुसार चीन की जीडीपी 1.66 ट्रिलियन डॉलर पर देखने को मिल रही थी। जिसका मतलब साफ है कि अमेरिका चीन के मुकाबले करीब 10 गुना आगे था। वहीं अगर बात भारत की करें तो अब से 20 और 22 बरस पहले इस ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी में कहीं दिखाई ही नहीं दे रहा था। मैक्रोट्रेंड के आंकड़ों को देखें तो साल 2003 में भारत की जीडीपी का साइज 607.70 बिलियन डॉलर था।

भारत की इकोनॉमी के साइज में भी इजाफा

पिछले 20 या 22 साल की रेस को देखें तो अमेरिका इसमें बिल्कुल भी दिखाई नहीं दिया। साल 2003 से लेकर 2023 तक चीन की इकोनॉमी की ग्रोथ करीब 1000 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। साल 2023 में चीन की इकोनॉमी का साइज 17.80 ट्रिलियन डॉलर हो चुकी थी। जबकि साल 2025 में चीन की इकोनॉमी का साइज 19.23 ट्रिलियन डॉलर की हो चुकी है। इस 20 बरस में चीन ग्रोथ के मामले में सबसे आगे रहा है। वहीं भारत की इकोनॉमी के साइज में भी इजाफा देखने को मिला है। आंकड़ों को देखें तो साल 2023 में 3.5 ट्रिलियन डॉलर थी। 20 साल में ग्रोथ का आंकड़ा 500 फीसदी से ज्यादा देखने को मिला है। मौजूदा समय यानी 2025 में भारत की इकोनॉमी का साइज 4 ट्रिलियन डॉलर हो चुकी है।

 1200 फीसदी से हो रही भारत की ग्रोथ

अगले 50 साल की भविष्यवाणी की बात करें तो गोल्डमैन शैक्स की रिपोर्ट के अनुसार साल 2025 में ग्लोबल इकोनॉमी पर चीन और भारत का राज होने वाला है। जबकि अमेरिका का नंबर तीसरा होगा। इसमें खास बात तो ये है कि दुनिया के तीन देशों की इकोनॉमी का साइज 50 ट्रिलियन डॉलर होगी। चीन की जीडीपी 57 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी। इसका मतलब है कि चीन की अगले 50 साल इकोनॉमिक ग्रोथ 196 फीसदी से ज्यादा देखने को मिलेगी। वहीं अमेरिका की इकोनॉमी का साइज 51.5 टिलियन डॉलर होगी। यानी अगले 50 साल में अमेरिका की ग्रोथ 68 फीसदी से ज्यादा देखी जाएगी। वहीं भारत की इकोनॉमी का साइज 4 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 52.5 टिलियन डॉलर होने का अनुमान है। जिसका मतलब है कि भारत की ग्रोथ 1200 फीसदी से ज्यादा होने का अनुमान है।

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