पाकिस्तान दौरे पर पहुंचे तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैयप एर्दोगन ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला। कश्मीर मामले पर उन्होंने कहा कि यह तुर्की के लिए भी उतनी ही अहमियत रखता है जितनी पाकिस्तान के लिए। इसपर विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया आई है। मंत्रालय का कहना है कि भारत जम्मू-कश्मीर के सभी संदर्भों को खारिज करता है। साथ ही तुर्की के नेताओं को भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने के लिए कहा गया है।
Ministry of External Affairs (MEA): We call upon the Turkish leadership to not interfere in India's internal affairs and develop proper understanding of the facts, including the grave threat posed by terrorism emanating from Pakistan to India and the region. https://t.co/6J8i5v7Pyi
— ANI (@ANI) February 15, 2020
विदेश मंत्रालय ने तुर्की के राष्ट्रपति और तुर्की-पाकिस्तान संयुक्त घोषणा द्वारा जम्मू और कश्मीर को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में कहा, ‘भारत जम्मू और कश्मीर को लेकर दिए गए सभी संदर्भों को खारिज करता है जोकि भारत का आंतरिक अंग है।’
मंत्रालय ने आगे कहा, ‘हम तुर्की नेतृत्व से अनुरोध करते हैं कि वह भारत के लिए पाकिस्तान से पैदा होने वाले आतंकवाद के खतरे सहित सभी तथ्यों की सही समझ विकसित करे। साथ ही भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करे।’
अपने पाकिस्तान दौरे के दौरान तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर तुर्की के लिए भी उतनी ही अहमियत रखता है जितनी पाकिस्तान के लिए। उन्होंने पाकिस्तान प्रेम में बहते हुए कश्मीर और एफएटीएफ के मुद्दे पर बिना शर्त समर्थन देने का वादा भी किया था।
तुर्की में एर्दोगन की तुलना सद्दाम हुसैन, बशर अल असद और मुअम्मर गद्दाफी जैसे तानाशाहों से की जाती है। एक तरफ तो एर्डोगन यूरोपीय यूनियन में शामिल होना चाहते हैं, वहीं दूसरी तरफ तुर्की में ओटोमन साम्राज्य को स्थापित कर खुद को बड़े इस्लामिक नेता के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं।