NSC के दो सदस्यों ने दिया इस्तीफा,कांग्रेस ने कहा-संस्था की आत्मा को शांति मिले

केंद्र सरकार पहले ही आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल और सीबीआई के दो वरिष्ठ अधिकारियों को लेकर घिरी हुई थी कि सरकार के सामने एक और चिंता का विषय आकर खड़ा हो गया है. दरअसल,राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के दो गैर सरकारी सदस्यों ने अचानक ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.जिसके बाद मोदी सरकार एक बार फिर से विपक्ष के निशाने पर आ गई है.

बता दें कि अपने पद से इस्तीफा देने वाले पीसी मोहनन और जेवी मीनाक्षी का कार्यकाल जून 2020 में पूरा होने वाला थे लेकिन सरकार से कुछ मुद्दों पर तकरार के चलते दोनों से इस्तीफा दे दिया.

इस मामले पर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है.कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि एक और संस्था की मौत हो गई है. इस संस्था की आत्मा को शांति मिले, जब तक कि इसका दोबारा जन्म ना हो जाए.

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उपेक्षा के चलते दिया इस्तीफा

जानकारी हो कि इस्तीफे के मुद्दे पर पीसी मोहनन ने कहा कि उन्होंने उपेक्षा के चलते अपना इस्तीफा दिया है. उनके काम को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था. उन्होंने कहा कि नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (NSSO) के पास मौजूद बेरोजगारी के आंकड़ों को जारी नहीं करने दिया जा रहा था, जिसकी वजह से वह इस्तीफा देने को मजबूर हुए. उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों को दिसंबर 2018 में जारी करना था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. अभी तक इसकी जानकारी वेबसाइट पर भी नहीं दी गई है.

पीसी मोहनन इस आयोग के एक्टिंग चेयरमैन भी थे. पीसी मोहनन और मीनाक्षी के इस्तीफे के बाद अब इस कमीशन में सिर्फ दो ही सदस्य रह गए है. जिसमें मुख्य सांख्यिकीविद प्रवीण श्रीवास्तव और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत शामिल हैं.

सरकार की सफाई

मामले पर विवाद बढ़ता देखकर सरकार के द्वारा दोनों सदस्यों को बातचीत करने के लिए बुलाया गया है. डेटा जारी करने पर सफाई देते हुए केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने कहा कि सरकार हर बार 5 साल का NSSO डाटा जारी करती है लेकिन आयोग के पास सिर्फ एक साल के ही आंकड़े उपलब्ध हैं. इसलिए सरकार का मानना है कि उससे सही आंकड़े सामने नहीं आ पाएंगे.

 

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