शौर्य चक्र विजेता कमांडर बलविंदर सिंह संधू की हत्या के मामले में दो भागे हुए आरोपियों को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने गिरफ्तार किया है. इस मामले में आरोप है कि पाकिस्तान में बैठे आकाओं के इशारे पर बलविंदर सिंह की हत्या की गई थी.एनआईए इस मामले में पहले भी कुछ लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट के सामने पेश कर चुका है. गिरफ्तार दोनों आरोपियों को एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने पूछताछ के लिए 4 दिन की एनआईए रिमांड पर भेजा है जिससे पूरे षडयंत्र का पर्दाफाश हो सके
एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया कि एक सूचना के आधार पर हरविंदर सिंह उर्फ ढिल्लों निवासी जिला तरनतारन पंजाब और जिला तरनतारन के ही नवप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया गया. इन दोनों पर आरोप था कि यह इस मामले में गिरफ्तार और चार्जशीट किए गए आरोपी इंदर के सहयोगी थे .
शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह कहां आते जाते थे, कहां रहते थे इन तमाम जगहों की इन लोगों ने रेकी की थी. साथ ही कमांडर बलविंदर सिंह संधू की हत्या के षड्यंत्र में यह लोग पूरी तरह से शामिल थे. हत्या के बाद जब जांच एजेंसियों को इनके बारे में पता चला तो यह दोनों अपने ठिकानों से भाग निकले थे और इधर-उधर छुपते हुए घूम रहे थे.
खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के इशारे पर यह हत्या 16 अक्टूबर 2020 को तरनतारन जिले में शौर्य चक्र विजेता के स्कूल में की गई थी. एनआईए के आरोपपत्र के मुताबिक एनआईए के पास इस मामले की जांच साल 2021 में आई थी जिसके बाद एनआईए ने मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू की.
जांच के दौरान एनआईए अधिकारियों को पता चला कि खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट को ऐसे तमाम लोगों से चिढ़ थी जो खालिस्तानी विचारधारा का विरोध करते हैं. वह ऐसे तमाम लोगों को मौत के घाट उतारना चाहते हैं जो उनकी विचारधारा में आड़े आते हैं.
शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह की हत्या की योजना भी पाकिस्तान में बनी थी और खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट का कथित स्वयंभू कमांडर लखबीर सिंह रोडे भी इस साजिश में शामिल था. इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए बाकायदा हथियार और पैसे भी बॉर्डर पार से ही भेजे गए थे. इन पैसों और हथियारों को पंजाब भेजने के लिए आतंकवादियों ने मादक पदार्थों के अपराधों से जुड़े नेटवर्क का सहारा लिया गया था.
आला अधिकारी के मुताबिक नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने जनवरी 2016 से अक्टूबर 2017 के बीच ऐसे ही 7 मामलों की जांच की थी इन मामलों में 7 लोगों की जान गई थी और यह लोग एक समुदाय विशेष से संपर्क रखते थे. एनआईए को जांच के दौरान पता चला कि इस साजिश के तहत विदेश में बैठे खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट की लीडरशिप ने पंजाब के एक स्थानीय गैंगस्टर सुखमीत पाल सिंह उर्फ सुख भिकरवाल से संपर्क साधा और उसे उसके साथियों के जरिए कमांडर बलविंदर सिंह की हत्या करने को कहा. मामले की जांच अभी भी जारी है.