नई दिल्ली: भारत में हफ्ते भर इस बात पर विवाद छिड़ा रहा कि क्या यूएई द्वारा केरल बाढ़ में दी जा रही 700 करोड़ की सहायता को स्वीकारा जाना चाहिए या नही. बात यहां तक पहुंच गई थी कि सरकार के सुत्रों ने बताया था कि सरकार ने यूएई की 700 करोड़ की मदद के प्रसताव को ठुकरा दिया है.
इन सब के बीच अब वहां के राजदूत ने बताया है कि ये मदद अभी आधिकारिक नही है. यूएई के राजदूत अहमद अलबाना ने गुरूवार को अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि यूएई ने मदद के लिए अब तक कोई विशेष रकम निर्धारित नही की है.
इस बीच सवाल ये है कि 700 करोड़ की बात कहां से आई जब यूएई अभी राशी निर्धारित ही नही कर पाया है. बता दें कि केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा था कि यूएई के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन ज़ाएद अल नाहयन ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ फोन पर बातचीत में केरल को 700 करोड़ रुपये की मदद देने की बात कही थी.
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केरल इकाई ने कहा कि बाढ़ प्रभावित राज्य के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने 700 करोड़ की वित्तीय सहायता की घोषणा नहीं की थी। पार्टी ने मांग की है कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन उस स्रोत के बारे में खुलासा करें, जिसने उन्हें सहायता के बारे में बताया था।
यहां मीडिया को संबोधित करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने कहा, “हम चाहते हैं कि विजयन इस खबर के बारे में स्पष्टीकरण दें और बताएं कि कहां से उन्हें यह जानकारी मिली है। केंद्र सरकार द्वारा सहायता स्वीकार करने में अनिच्छा जताए जाने के बाद से केंद्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने का निंदनीय अभियान शुरू कर दिया गया है।”
इससे पहले इस सप्ताह की शुरुआत में एक संवाददाता सम्मेलन में राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम में विजयन ने कहा था कि उन्हें यह जानकारी मध्य पूर्व के व्यापारी एम.ए. यूसुफ अली ने दी थी.
पिल्लई ने कहा कि मोदी सरकार के अलावा कभी किसी और केंद्र सरकार ने इतनी मदद किसी राज्य को नहीं दी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने खराब मौसम के बावजूद हेलीकाप्टर से बाढ़ का जायजा लिया जो उनकी प्रतिबद्धता का सबूत है.