सनातन धर्म पर विवादित बयान देने वाले तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने राम मंदिर को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दिया है. उनका कहना है कि वो किसी भी धर्म या आस्था के विरोधी नहीं हैं. लेकिन मस्जिद तोड़कर मंदिर बनाने से वो सहमत नहीं है.
आपको बताते चलें कि 22 जनवरी को अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है, जिसे लेकर देशवासी बेहद उत्साहित हैं. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देशवासियों को अयोध्या पहुंचना शुरू हो चुका है. राम मंदिर को लेकर तमाम पार्टियों के नेताओं की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है.
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) नेता उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि करुणानिधि कहा करते थे कि उनकी पार्टी न तो किसी की आस्था और न ही किसी धर्म का विरोध करती है. उन्होंने आगे कहा कि मंदिर का बनना कोई समस्या नहीं है लेकिन किसी धर्म के उपासना स्थल को तोड़कर मंदिर बनाने से मैं सहमत नहीं हूं. अध्यात्मवाद और राजनीति दोनों अलग-अलग हैं इन्हें मिलाना सही नहीं है.
तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान दिया जिसके बाद वो सुर्खियों में आए थे. उन्होंने सनातन धर्म को डेंगू और मलेरिया बताया था. उन्होंने कहा था कि सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए. अपनी इसी विवादित बयान के बाद स्टालिन चर्चा में आए थे.
आपको बता दें कि उदयनिधि के पिता एमके स्टालिन वर्तमान में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री हैं. पिछले साल ही उन्हें खेल और युवा मंत्री बनाया गया था. उदयनिधि को करुणानिधि के पोते हैं.