सीयूईटी-यूजी परीक्षा में बड़ा बदलाव, 2025 से होंगे नए नियम

यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन) के चेयरमैन जगदीश कुमार ने मंगलवार को सीयूईटी-यूजी परीक्षा में होने वाले बड़े बदलावों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आने वाले साल यानी 2025 से सीयूईटी-यूजी परीक्षा में कई अहम बदलाव होंगे, जिनसे छात्रों को फायदा होगा। अब तक जो विषय छात्र अपनी 12वीं की पढ़ाई के आधार पर चुनते थे, अब वे किसी भी विषय में परीक्षा दे सकेंगे, चाहे उन्होंने 12वीं में वह विषय पढ़ा हो या नहीं। इसके साथ ही 2025 से छात्र सीयूईटी-यूजी परीक्षा में 5 विषयों तक की परीक्षा देने का मौका पा सकेंगे।

सीयूईटी-यूजी परीक्षा में कटौती और बदलाव
जगदीश कुमार ने यह भी बताया कि अब सीयूईटी-यूजी परीक्षा पूरी तरह से कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) मोड में आयोजित की जाएगी। इसके अलावा, विषयों की संख्या में भी कटौती की गई है। इस साल तक कुल 63 विषय थे, लेकिन अब इन्हें घटाकर 37 किया गया है। पिछले साल जहां 29 डोमेन-विशिष्ट विषय थे, अब इन्हें घटाकर 23 किया गया है। इसके साथ ही 20 भाषा विषय भी कम किए गए हैं। इस बदलाव से छात्रों को सीयूईटी-यूजी परीक्षा के लिए अधिक स्पष्ट और संक्षिप्त तैयारी का मौका मिलेगा।

परीक्षा के समय में बदलाव
सीयूईटी-यूजी परीक्षा की टाइमिंग में भी बदलाव किया गया है। अब छात्रों को परीक्षा के लिए 60 मिनट का समय मिलेगा, जबकि पिछले साल कुछ विषयों के लिए 45 मिनट और कुछ के लिए 60 मिनट का समय था। इसके साथ ही पिछले साल की तरह अब 50 सवालों में से छात्रों को 40 सवाल चुनने का विकल्प नहीं मिलेगा। इस बार सभी 50 सवाल अनिवार्य होंगे, यानी छात्रों को हर सवाल का जवाब देना होगा।

सीयूईटी की चुनौतियां
2022 में शुरू हुई सीयूईटी परीक्षा को पहले साल तकनीकी समस्याओं और परीक्षा केंद्रों में अचानक बदलाव जैसे मुद्दों का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण छात्रों को रिजल्ट में देरी का सामना करना पड़ा। 2023 में आंसर-की में हुई गलतियों के कारण भी छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, इस साल नीट यूजी पेपर लीक के आरोपों के कारण सीयूईटी के रिजल्ट में भी देरी हुई।

नए बदलाव छात्रों के लिए होंगे फायदेमंद
इन बदलावों से छात्रों को सीयूईटी-यूजी परीक्षा की तैयारी में आसानी होगी और वे अधिक विषयों में अपनी पसंद के अनुसार परीक्षा दे सकेंगे। हालांकि, परीक्षा में सभी 50 प्रश्न अनिवार्य करने से चुनौती भी बढ़ सकती है, लेकिन यह बदलाव परीक्षा के स्तर को अधिक सुसंगत और पारदर्शी बनाएगा।

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