विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) ने देश भर की 157 यूनिवर्सिटीज को डिफॉल्टर्स की सूची में शामिल किया है। गौरतलब है कि यूजीसी के 2023 नियमों के अनुसार छात्रों की शिकायतों की सुनवाई के लिए हर कॉलेज में लोकपाल की नियुक्ति अनिवार्य की थी। इसके बाद 17 जनवरी को यूजीसी की ओर से इन नियमों का पालन न करने वाले विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर सूची में शामिल कर लिया गया। अब उनकी सूची प्रकाशित की गई है। इस संबंध में इन विश्वविद्यालयों को बार-बार चेतावनी भी दी गई, लेकिन विश्वविद्यालयों की ओर से कोई कार्रवाई न किए जाने पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने ये कदम उठाया है।
कितने सरकारी विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर घोषित किया गया है?
घोषणा के अनुसार, आंध्र प्रदेश से 4 सरकारी विश्वविद्यालय, बिहार से 3, छत्तीसगढ़ से 5, दिल्ली से 1, गुजरात से 4, हरियाणा से 2, जम्मू और कश्मीर से 1, झारखंड से 4, कर्नाटक से 13, केरल से 1, महाराष्ट्र से 7, मणिपुर से 2, मेघालय से 1, ओडिशा से 11, पंजाब से 2, राजस्थान से 7, सिक्किम से 1, तेलंगाना से 1, तमिलनाडु से 3, उत्तर प्रदेश से 10, उत्तराखंड से 4 और पश्चिम बंगाल से 14 डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया है।
कितने निजी विश्वविद्यालय डिफॉल्टर हैं?
विज्ञप्ति के अनुसार, आंध्र प्रदेश से 2, बिहार से 2, गोवा से 1, गुजरात से 6, हरियाणा से 1, हिमाचल प्रदेश से 1, झारखंड से 1, कर्नाटक से 3, मध्य प्रदेश से 8, महाराष्ट्र से 2 निजी विश्वविद्यालय शामिल हैं। राजस्थान से 7, सिक्किम से 2, तमिलनाडु से 1, त्रिपुरा से 3, यूपी से 4, उत्तराखंड से 2 और दिल्ली से 2 डिफॉल्टर घोषित किए गए हैं।