नई दिल्ली। डिजिटल विज्ञापन में कस्टमर्स के डेटा के इस्तेमाल के आरोपों की ब्रुसेल्स और ब्रिटेन के रेगुलेटर्स की तरफ से फेसबुक के खिलाफ औपचारिक रूप से जांच शुरू कर दी गई है. शुक्रवार को एक बयान में यूके के कंपीटिशन एंड मार्केट्स अथॉरिटी ने कहा कि वे इस बात की जांच कर रहे कि क्या फेसबुक ने सोशल मीडिया या डिजिटल विज्ञापन बाजारों में इसने अपने दबदबे वाली पॉजिशन का विज्ञापन डेटा का इस्तेमाल कर उसका दुरुपयोग किया है.
इसी तरह, ब्रुसेल्स ने कहा कि वह एंटी-ट्रस्ट इन्वेस्टिगेशन करना जा रहा हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या फेसबुक ने यूरोपीय संघ के कानून का उल्लंघन किया है “विशेष रूप से विज्ञापनदाताओं से एकत्रित विज्ञापन डेटा का उपयोग करके उन बाजारों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए जहां फेसबुक सक्रिय है.”
यूरोपीय संघ की जांच इस बात पर भी गौर करेगी कि क्या फेसबुक यूरोपीय संघ के प्रतिस्पर्धा नियमों के उल्लंघन में अपनी ऑनलाइन वर्गीकृत विज्ञापन सेवा “फेसबुक मार्केटप्लेस” को अपने सोशल नेटवर्क से जोड़ता है.
#BREAKING EU opens antitrust probe into Facebook over advertisers’ data pic.twitter.com/A7Pa7u5AYA
— AFP News Agency (@AFP) June 4, 2021
इधर, फेसबुक नेताओं को कंटेंट मॉडरेशन नियमों से बचाने वाले अपनी पॉलिसी को बदलने का प्लान बना रही है और इसको लेकर नई पालिसी शुक्रवार को अनाउंस की जा सकती है. यह चेंज, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को अपनी साइट से बैन करने के फेसबुक के फैसले से जुड़ा हुआ है. फेसबुक अपनी दो साल से भी कम समय पहले शुरू की पीलिसी से पीछे हट रही है, जब कंपनी ने कहा कि था राजनेताओं के स्पीच को पॉलिश नहीं किया जाना चाहिए.
सूत्रों के अनुसार, बदलाव के तहत राजनेताओं के पोस्ट को समाचार योग्य नहीं माना जाएगा. राजनेता फेसबुक की कंटेंट गाइडलाइंस के अधीन होंगे जो उत्पीड़न, भेदभाव या दूसरे हार्मफुल स्पीच को बैन करती है.
फेसबुक यदि तय करती है कि राजनेताओं का भाषण समाचार योग्य है, तो उसे पुल डाउन से छूट दी जाती है. इसे कंपनी ने 2016 के बाद से एक स्टैंडर्ड तहत इस्तेमाल किया है. शुक्रवार को फेसबुक अपनी नई पॉलिसी का खुलासा करेगी. फेसबुक के प्रवक्ता एंडी स्टोन इस पर कोई कमेंट नहीं किया है. इससे पहले द वर्ज ने पहले फेसबुक के बदलाव की जानकारी दी थी.