ब्रिटेन हाईकोर्ट ने भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को राहत देते सोमवार को मानसिक स्वास्थ्य और मानवाधिकारों के आधार पर भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की इजाजत दे दी. इससे पहले, मजिस्ट्रेट कोर्ट ने फर्जीवाड़ा और मनी लांड्रिंग के आरोपों का सामने कर रहे नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पण की इजाजत दी थी. जस्टिस मार्टिन चेम्बरलेन ने COVID-19 नियमों के तहत दूर से अपना फैसला सुनाया, यह निष्कर्ष निकालते हुए कि 50 वर्षीय हीरा व्यापारी की कानूनी टीम द्वारा उनके गंभीर अवसाद और आत्महत्या के उच्च जोखिम के बारे में प्रस्तुत तर्क पर्याप्त सुनवाई में बहस योग्य थे.
उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई में आर्थर रोड जेल में आत्महत्या के प्रयासों को रोकने में सक्षम उपायों की पर्याप्तता, जहां नीरव मोदी को प्रत्यर्पण पर हिरासत में लिया जाना है, भी बहस के दायरे में आता है. जस्टिस चेम्बर्लिन ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा- इस समय पर, मेरे लिए सवाल बस इतना है कि क्या इन आधारों पर अपीलकर्ता का मामला तर्कसंगत रूप से बहस योग्य है. मेरे फैसले में, यह है. मैं आधार 3 और 4 के बिना पर अपील करने की अनुमति दूंगा.
UK High Court approves fugitive diamantaire Nirav Modi’s permission to appeal against extradition to India, on mental health grounds.
(File photo) pic.twitter.com/z55Gxekyxg
— ANI (@ANI) August 9, 2021
गौरतलब है कि पिछले महीने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले में उसके वकीलों ने लंदन में हाई कोर्ट से कहा कि मुंबई की आर्थर रोड जेल में कोविड-19 के ‘व्यापक’ असर के कारण उसके आत्महत्या करने की आशंका बढ़ जाएगी. भारत प्रत्यर्पित किये जाने के बाद नीरव को इसी जेल में रखे जाने की संभावना है. इसके बाद केस की सुनवाई करते हुए जस्टिस मार्टिन चेंबरलेन ने प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.