Monday, April 28, 2025

केरल से गुजरात तक, उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में पढ़ा पहलगाम के हर मृतक का नाम, जानिए क्या बोले!

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ पेश किए गए प्रस्ताव के समर्थन में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सदन में खड़े होकर बोले। इस दौरान उन्होंने ने हमले मारे गए सभी लोगों का नाम भी लिया। उमर अब्दुल्ला ने कहा…यकीन नहीं होता कि चंद दिन पहले हम इस हाउस में मौजूद थे, बजट और कई मुद्दों पर बहस चली।

किसने सोचा था कि ऐसे जम्मू-कश्मीर में ऐसे हालात बनेंगे कि हमें दुबारा यहां इस माहौल में मिलना पड़ेगा। (Pahalgam Terror Attack)पहलगाम के हमले के बाद जब मंत्रियों की मीटिंग की, तो ये तय हुआ कि हम गवर्नर साहब से गुजारिश करेंगे कि एक दिन का सेशन बुलाया जाए। उमर अब्दुल्ला विधानसभा में भावुक होकर बोले कि इस हमले ने हमें अंदर से खोखला किया है। क्या जवाब दूं मैं उस नेवी अफसर की विधवा को, उस छोटे बच्चे को जिसने अपनी पिता को खून में लथपथ देखा है।

किसी ने वालिद खोया, किसी ने अंकल…

उमर अब्दुल्ला ने कहा न पार्लियामेंट और न ही इस मुल्क का कोई और एसेंबली पहलगाम के 26 लोगों के दुख दर्द को समझती है, जितनी जम्मू कश्मीर की विधानसभा। आप के सामने वे लोग बैठे हैं, जिन्होंने अपने करीबी रिश्तेदार को खोया है। किसी ने वालिद खोया, किसी ने अंकल… हममें से कितने हैं, जिनके ऊपर हमले हुए। कई सारे हमारे साथी हैं, जिन पर इतने हमले हुए कि हम गिनते थक जाएंगे। अक्टूबर 2001 में श्रीनगर के हमले में 40 लोग अपनी जान गंवाए। इसीलिए पहलगाम में मारे गए लोगों के दुख को इस एसेंबली से ज्यादा कोई न समझ सकता।

मेरे पास कोई जवाब नहीं था…

उमर अब्दुल्ला ने कहा…अतीत में हमने कश्मीरी पंडितों और सिख समुदायों पर आतंकी हमले होते देखे हैं। लंबे वक्त के बाद ऐसा हमला हुआ है। मेरे पास पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से माफी मांगने के लिए शब्द नहीं हैं। मैं कानून और व्यवस्था का प्रभारी नहीं हूं, लेकिन मैंने पर्यटकों को कश्मीर आने के लिए आमंत्रित किया। उनके मेजबान के रूप में, उनकी देखभाल करना और उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। पर्यटकों से माफी मांगने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। मैं नौसेना अधिकारी की विधवा से क्या कहूं, जिसकी कुछ दिन पहले ही शादी हुई थी? मेरे पास उन्हें सांत्वना देने के लिए लफ्ज नहीं हैं। पीड़ितों के कई परिवार के सदस्यों ने मुझसे पूछा कि उनका जुर्म क्या था? मेरे पास कोई जवाब नहीं था।

हम आतंक को हरा सकते…

अगर लोग हमारे साथ हैं, तो हम आतंक को हरा सकते हैं। मुझे लगता है कि अब लोग हमारे साथ हैं। पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए कश्मीर की मस्जिदों में मौन रखा गया. यह बहुत बड़ी और अहम बात है।
CM उमर ने कहा कि आदिल ने अपनी जान की परवाह किए बिना कई पर्यटकों को बचाया, उसने अपनी जान दे दी। भागने के बजाय, उसने उन्हें बचाने का फैसला किया। कई लोगों ने पर्यटकों को बचाया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। कई फूड स्टॉल चलाने वालों ने पर्यटकों को फ्री में खाना खिलाया।

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