टर्म इंश्योरेंस पॉलिसीधारक की मौत के बाद उसके परिवार के लिए बड़ा सहारा होता है. परिवार को आर्थिक सुरक्षा देने के लिए लोग टर्म इंश्योरेंस लेते हैं लेकिन कई बाद कंपनियां टर्म इंश्योरेंस का क्लेम रिजेक्ट कर देती हैं. क्लेम रिजेक्ट होने के पीछे कई बार पॉलिसीधारक की ही गलती होती है.
अगर आपने टर्म इंश्योरेंस ले रखा है या लेने का प्लान कर रहे हैं तो गहनता से जांच कर लें कि किस स्थिति में कंपनी क्लेम को रिजेक्ट कर सकती है.
यहां हम आपको कुछ ऐसी कंडीशन बता रहे हैं जिनके होने पर कंपनी आपके इंश्योरेंस क्लेम को रिजेक्ट कर सकती है और आपके जाने के बाद आपके परिवार को एक बड़े आर्थिक संकट से गुजरना पड़ सकता है.
1. नशे में हादसे में मौत: अगर आपने नशा किया हुआ है और नशे की हालत में किसी हादसे में आपकी मौत हो जाती है तो कंपनी आपके इंश्योरेंस क्लेम को रिजेक्ट कर सकती है. दरअसल, पॉलिसी में पहले से ही इसका जिक्र होता है कि किसी भी प्रकार के नशे से अगर व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसे क्लेम नहीं मिलेगा.
2. खुदकुशी: अगर टर्म प्लान लेने के एक साल अंदर अगर पॉलिसीधारक खुदकुशी कर लेता है तो लिंक्ड प्लान (यूलिप) मामले में नॉमिनी 100 फीसदी पॉलिसी फंड वैल्यू पाने का हकदार है. वहीं नॉन लिंक्ड प्लान के मामले में नॉमिनी को भुगतान किए गए प्रीमियम की 80 फीसदी राशि दी जाती है. साफ शब्दों में कहें तो अगर पॉलिसीधारक पॉलिसी लेने के एक साल के भीतर आत्महत्या कर लेता है तो उसके घरवालों को कवर मिलता है.
3. नॉमिनी द्वारा पॉलिसीधारक की हत्या: अगर नॉमिनी पॉलिसीधारक की हत्या कर देता है तो क्लेम होल्ड कर दिया जाता है. इसके बाद दोष मुक्त होने पर ही क्लेम की राशि मिलती है वर्ना नहीं.
4. आपराधिक गतिविधियों में हत्या: अगर कोई पॉलिसीधारक आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है और इस दौरान अगर उसकी हत्या कर दी जाती है तो भी उसका क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाता है.
5. खतरनाक स्टंट के दौरान मौत: अगर किसी खतरनाक स्टंट जैसे बाइक रेसिंग-कार रेसिंग, स्काई डाइविंग, स्कूबा डाइविंग, पैरा ग्लाइडिंग या बंजी जंपिंग के दौरान किसी की मौत होती है तो भी क्लेम का पैसा नहीं मिलेगा.
6: गंभीर बीमारी छुपाने पर: अगर पॉलिसीधारक ने पॉलिसी लेते वक्त अपनी कोई गंभीर बीमारी छुपाई है और उस बीमारी से अगर उसकी मौत हो जाती है तो भी उसका क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाता है. HIV/AIDS होने पर भी क्लेम नहीं मिलता.
7. प्राकृतिक आपदा में मौत: अगर किसी शख्स की मौत प्राकृतिक आपदा की चपेट में आने से हुई है तो भी उसका क्लेम रिजेक्ट हो जाएगा. प्राकृतिक आपदा में भूकंप, तूफान या साइक्लोन से होने वाली मौत शामिल है.
8. प्रसव के दौरान मौत: अगर किसी पॉलिसी धारक महिला की बच्चे को जन्म देने के दौरान मौत हो जाती है तो भी क्लेम नहीं मिलता. क्योंकि टर्म इंश्योरेंस में डिलीवरी के दौरान होने वाली मौत कवर नहीं होती. इसलिए टर्म इंश्योरेंस लेते समय सभी नियम-शर्तों को ध्यान से पढ़ लें.