गृहमंत्री अमित शाह ने BBSSLके Logo, वेबसाइट का किया अनावरण

आज का दिन देश के सहकारिता आंदोलन, किसानों और अन्न उत्पादन के क्षेत्र में नई शुरूआत की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भारत में बीज संरक्षण, संवर्धन और अनुसंधान के क्षेत्र मे BBSSL का बहुत बड़ा योगदान होगा। देश के हर किसान को आज वैज्ञानिक रूप से बनाया और तैयार किया गया बीज उपलब्ध नहीं है, इसीलिए ये हमारी ज़िम्मेदारी है कि इस विशाल देश के हर किसान के पास प्रमाणित और वैज्ञानिक रूप से तैयार किया गया बीज पहुंचे और ये काम भी यही सहकारी समिति करेगी।

ये बातें केंद्रीय सहकारिता एवं गृह मंत्री अमित शाह ने BBSSLके Logo, वेबसाइट और Brochure का अनावरण तथा BBSSLके सदस्यों को सदस्यता प्रमाणपत्र वितरण कार्यक्रम में कही। शाह ने कहा कि भारत दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों में से एक है जहां कृषि की अधिकृत शुरूआत हुई। इसी कारण हमारे परंपरागत बीज गुण और शारीरिक पोषण के लिए सबसे अधिक उपयुक्त हैं। उन्होंने कहा कि भारत के परंपरागत बीजों का संरक्षण कर उसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना है, जिससे स्वास्थ्यपूर्ण अन्न, फल और सब्ज़ियों का उत्पादन निरंतर होता रहे और यह काम BBSSL करेगी।

उन्होंने कहा कि ये समिति कृषि, बागवानी, डेयरी, मत्स्यपालन सहित हर प्रकार की समितियों की तरह PACS को बीज उत्पादन के साथ जोड़ने का काम करेगी। PACS के माध्यम से हर किसान अपने खेत में बीज उत्पादन कर सकेगा, इसका सर्टिफिकेशन भी होगा और ब्राडिंग के बाद ना सिर्फ पूरे देश बल्कि विश्व में इस बीज को पहुंचाने में ये समिति योगदान देगी। उन्होंने कहा कि इस बीज सहकारी समिति का पूरा मुनाफा सीधे बीज उत्पादन करने वाले किसानों के बैंक खातों में जाएगा और यही सहकारिता का मूल मंत्र है।
इस सहकारी समिति के माध्यम से बीजों की उच्च आनुवांशिक शुद्धता और भौतिक शुद्धता से बिना कोई समझौता किए इन्हें बरकरार रखा जाएगा और उपभोक्ता के स्वास्थ्य की भी चिंता की जाएगी, इन तीनों बातों का संयोजन करते हुए उत्पादन बढ़ाना ही हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इस सहकारी समिति का लक्ष्य केवल मुनाफा कमाना नहीं है बल्कि इसके माध्यम से हम विश्व की औसत पैदावार के साथ भारत की पैदावार को मैच करना चाहते हैं।

 

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