उन्नाव दुष्कर्म मामले में रोज एक नई बात सामने आ रही है। इन्नाव रेप केस मामले में भारत के चीफ जस्टिस ने अदालत के रजिस्ट्रार से एक सप्ताह के भीतर पीड़िता द्वारा लिखी गई चिट्ठी उनके सामने क्यों नहीं पेश की गई इस बारे में जवाब देने का आदेश दिया है साथ ही पीड़िता के द्वारा लिखी गई चिट्ठी पर रिपोर्ट देने को कहा है। गुरुवार को जब सुनवाई होगी तो ये रिपोर्ट अदालत को सौंपी जाएगी, इसके साथ ही पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट भी सौंपी जाएगी।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने महासचिव से पूछा कि वह इस बात का जवाब दें कि, उन्नाव बलात्कार पीड़िता द्वारा भेजे गए पत्र 12 जुलाई को को अदालत के सामने क्यों नहीं रखा गया। आखिर क्यों पत्र को उनके समक्ष रखने में देरी हुई।
पत्र में पीड़िता ने मेडिकल रिपोर्ट भी मांगी थी। सीजेआई का कहना है कि ‘इस विनाशकारी माहौल में कुछ रचनात्मक करने की कोशिश की जाएगी।’ उन्होंने कहा कि देखते हैं हम इसपर क्या कर सकते हैं।
बुधवार को जब POCSO एक्ट से जुड़ा एक मामला सामने आया तो चीफ जस्टिस ने उस मामले को लेकर उन्नाव मसले पर भी अपनी बात कही। CJI ने कहा कि आज सुबह मैंने अखबारों में पढ़ा कि पीड़िता की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखी गई है। लेकिन मुझे चिट्ठी के बारे में कल ही पता लगा था मेरे पास अभी तक चिट्ठी नहीं आई है।
इसी के साथ आपको बता दें कि पीड़िता की मां की तरफ से इसी साल जनवरी में चिट्ठी लिखी गई थी, जिसमें उसने इस मामले को उत्तर प्रदेश से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की थी। पीड़िता की मां की मांग थी कि मामले को लखनऊ से बाहर दिल्ली भेज दिया जाए, ताकि इसमें निष्पक्ष तरीके से जांच हो सके।