लखनऊ, राजसत्ता एक्सप्रेस। तकरीबन डेढ़ साल कोर्ट में अटकी उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता अब साफ हो गया है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए सरकार की ओर से भर्ती के लिए तय किए गए मानकों पर ही मुहर लगाई है। अब उत्तर प्रदेश सरकार 60/65 के कटऑफ पर ही भर्ती करेगी। इतना ही नहीं कोर्ट ने सरकार को तीन महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश भी दिया है। आपको बता दें कि इस मामले में 3 मार्च को ही सुनवाई पूरी कर ली गई थी और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए छह जनवरी 2019 को लिखित परीक्षा कराई गई थी। इन पदों के लिए करीब चार लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। परीक्षा के बाद सरकार ने भर्ती का कटऑफ सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी के लिए 65 प्रतिशत व आरक्षित वर्ग के लिए 60 प्रतिशत की अनिवार्यता के साथ तय किया था। सरकार के इस आदेश को अभ्यार्थियों ने हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में चुनौती दी थी।
CM श्री @myogiadityanath जी ने बेसिक शिक्षा के 69,000 शिक्षकों की भर्ती के मामले में मा. उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है।
उन्होंने सभी सफल अभ्यर्थियों को आने वाले समय में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में योगदान देने हेतु अपनी शुभकामनाएं देते हुए उनका अभिनन्दन किया है।— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) May 6, 2020
बेसिक एजुकेशन बोर्ड द्वारा यूपी टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट को संशोधित करने के बाद भर्ती के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया को बढ़ा दिया गया था। बता दें कि UPTET सहायक शिक्षक पद के लिए आवश्यक है। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए 6 जनवरी 2019 को लिखित परीक्षा कराई गई थी। कई उम्मीदवारों ने UPTET रिजल्ट को तीन प्रश्नों पर आधारित बताकर याचिका दायर कराई थी।
इसपर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फैसला दिया था कि उन सभी प्रश्नों के लिए सभी उम्मीदवारों को एक समान नंबर दिए जाएंगे। अदालत के आदेश के बाद रिजल्ट को संशोधित किया गया और आधिकारिक वेबसाइट पर दोबारा से जारी किया गया। इस रिक्रूटमेंट भर्ती के लिए कटऑफ सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 65 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के लिए 60 प्रतिशत की अनिवार्यता के साथ तय की थी। हालांकि, आधिकारिक जॉब नोटिफिकेशन में कट ऑफ मार्क्स पर जानकारी नहीं दी गई थी। इसमें सिर्फ कुल अंकों के बारे में बताया गया था। कई उम्मीदवारों ने कट ऑफ को लेकर भी याचिका दर्ज कराई थी।