राजसत्ता एक्सप्रेस। यूपी में बीजेपी और कांग्रेस के बीच छिड़ी बस पॉलिटिक्स मामले में अब कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह भी कूद पड़ी है। उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी ही पार्टी को घेरा है। इस पूरे मसले पर रायबरेली से कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह ने अपनी ही पार्टी की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि ये क्रूर मजाक है।
इसको लेकर अदिति ने ट्वीटकर कांग्रेस का घेराव करते हुए कहा, ‘आपदा के वक्त ऐसी निम्न स्तर की सियासत की क्या जरूरत, एक हजार बसों की लिस्ट भेजी गईं, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा निकला, 297 कबाड़ बसें 98 ऑटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन के कागजात ही नहीं, ये कैसा क्रूर मजाक है। अगर बसें थीं, तो फिर राजस्थान, पंजाब और महाराष्ट्र में क्यों नहीं लगाई गईं।’
आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत,एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 आटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान,पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई।
— Aditi Singh (@AditiSinghINC) May 20, 2020
इतना ही नहीं, उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कोटा से बच्चों की घर भेजने के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने लिखा, ‘कोटा में जब यूपी के हजारों बच्चे फंसे थे, तब कहां थीं ये तथाकथित बसें। तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए, बार्डर तक ना छोड़ पाई। तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रातों-रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी।’
कोटा में जब UP के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें, तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए,बार्डर तक ना छोड़ पाई,तब श्री @myogiadityanath जी ने रातों रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी।
— Aditi Singh (@AditiSinghINC) May 20, 2020
बता दें कि लंबे समय से अदिति सिंह कांग्रेस विरोधी गतिविधियों में शामिल रही हैं। पिछले साल तो उन्होंने पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल हुई थीं। इसके बाद पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। कश्मीर से धारा 370 हटाने के मामले में जहां कांग्रेस सरकार पर हमलावर थी, वहां अदिति का पार्टी से अलग पक्ष था। हाल ही में, उन्होंने पीएम मोदी के कोरोना वॉरियर्स के लिए की गई अपील पर दीये भी जलाये थे।
कांग्रेस की बसों की लिस्ट में गड़बड़झाला, कहां से आये ऑटो-एंबुलेंस ट्रक
प्रियंका- योगी बस विवाद
दरअसल, लॉकडाउन के कारण कई प्रवासी मजूदर नोएडा-गाजियाबाद में यूपी के बॉर्डर पर फंसे हुए हैं। इन मजदूरों को घर वापस भेजने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को एक हजार बसों का प्रस्ताव भेजा था। जिसे राज्य सरकार ने मंजूरी भी दे दी और बसों की पूरी सूची मांगी गई। विवाद इस सूची से बढ़ गया। दरअसल, योगी सरकार का कहना है कि इस सूची में शामिल बसों के नंबर टू-व्हीलर और थ्री व्हीलर के भी हैं। इसपर अब कांग्रेस का कहना है कि सूची की जो बसें सही पाई गई हैं, उन्हीं का इस्तेमाल मजदूरों को वापस घर भेजने के लिए किया जाए। इस बीच मंगलवार को यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को आगरा में हिरासत में ले लिया गया। वहीं, लखनऊ और नोएडा में प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के दूसरे नेताओं पर एफआईआर दर्ज की गई है। अब ये मामला मजदूरों की घर वापसी से बदलकर कांग्रेस बनाम बीजेपी हो गया है।