Saturday, October 19, 2024
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यूपी उपचुनाव: मायावती ने खोले पत्ते, कुंदरकी सीट पर रफतउल्ला को बनाया उम्मीदवार

उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियाँ तेज कर दी हैं। जहां समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस मिलकर चुनावी मैदान में उतर रही हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) एक साथ चुनाव लड़ेंगे। दूसरी ओर, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अपने दम पर चुनाव में उतरेगी। इस बीच, बसपा सुप्रीमो मायावती ने कुंदरकी सीट पर अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है।

कुंदरकी सीट पर रफतउल्ला का नाम

बसपा ने कुंदरकी विधानसभा से रफतउल्ला उर्फ नेता छिद्दा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। बसपा के जिला अध्यक्ष वेद प्रकाश ने प्रेस नोट जारी कर इस बारे में जानकारी दी। मायावती ने मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में उतारकर एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम उठाया है। रफतउल्ला पहले भी बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं और अब एक बार फिर पार्टी के साथ खड़े हैं।

रफतउल्ला का चुनावी इतिहास

रफतउल्ला ने पहली बार बसपा के टिकट पर संभल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, लेकिन तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2012 और 2017 में भी उन्होंने बसपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली। हाल ही में, 2022 में असमोली विधानसभा से चुनाव लड़ा और फिर से हार गए। अब, मायावती ने उन पर फिर से भरोसा जताते हुए कुंदरकी सीट पर उतारा है।

सपा और कांग्रेस का गठबंधन

कुंदरकी सीट पर सपा ने अपने उम्मीदवार का नाम अभी तक घोषित नहीं किया है, लेकिन यह तय है कि सपा ही इस सीट से चुनाव लड़ेगी। बुधवार को श्रीनगर में सपा और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय हुआ, जिसमें सपा सात सीटों पर चुनाव लड़ेगी और कांग्रेस दो सीटों पर अपनी किस्मत आजमाएगी।

सपा ने घोषित किए उम्मीदवार

सपा ने 6 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। इनमें करहल से तेज प्रताप यादव, सीसामऊ से नसीम सोलंकी, फूलपुर से मुस्तफा सिद्दीकी, मिल्कीपुर से अजित प्रसाद, कटेहरी से शोभावती वर्मा, और मझवां से ज्योति बिंद शामिल हैं। वहीं, कांग्रेस को गाजियाबाद और खैर सीट पर मौका मिला है, जहां पिछले कई वर्षों से पार्टी जीत नहीं पाई है।

अब देखना यह होगा कि उपचुनाव में ये सभी पार्टियां कैसे प्रदर्शन करती हैं और किस पार्टी को सफलता मिलती है। चुनावी माहौल में सभी पार्टियां अपनी रणनीतियों पर काम कर रही हैं, और यह चुनाव परिणाम राजनीति की दिशा को बदल सकता है।

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