लखनऊ: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में भी उपचुनावों के नतीजे बीजेपी के पक्ष में गए हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी (सपा) को करारी हार का सामना करना पड़ा है। यूपी की कुल 9 उपचुनाव सीटों में से बीजेपी ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि सपा के खाते में सिर्फ 2 सीटें आईं। इन नतीजों में सबसे चौंकाने वाली हार सपा के लिए कुंदरकी सीट पर हुई, जो मुस्लिम बहुल इलाका माना जाता था। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी की हार के बाद बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं और इस मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।
कुंदरकी सीट पर बीजेपी ने कब्जा किया
कुंदरकी सीट पर बीजेपी के रामवीर सिंह ने सपा के मोहम्मद रिजवान को हराया। रामवीर सिंह ने मोहम्मद रिजवान को 1,44,791 वोटों से शिकस्त दी। रामवीर सिंह को कुल 1,70,371 वोट मिले, जबकि रिजवान को केवल 25,580 वोट ही मिल सके। इस सीट पर रामवीर सिंह इकलौते हिंदू उम्मीदवार थे, जबकि उनके सामने 11 मुस्लिम उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी। इन सभी उम्मीदवारों को हराकर रामवीर सिंह ने जीत हासिल की।
मुस्लिम उम्मीदवारों के खिलाफ जीत
कुंदरकी सीट पर जब रामवीर सिंह ने सपा के मोहम्मद रिजवान को हराया, तो इस सीट पर 11 मुस्लिम उम्मीदवारों की कड़ी टक्कर के बावजूद बीजेपी की जीत ने सबको चौंका दिया। इनमें आजाद समाज पार्टी के चांद बाबू, AIMIM के मोहम्मद वारिश, बीएसपी के रफतुल्ला, और निर्दलीय उम्मीदवारों का भी नाम शामिल था। रामवीर सिंह ने सभी को पछाड़ते हुए अपनी जीत को पक्का किया। इस सीट पर बीजेपी की जीत का इतिहास भी खास है, क्योंकि इस सीट पर बीजेपी ने 30 साल बाद जीत दर्ज की है।
30 साल बाद बीजेपी की वापसी
कुंदरकी सीट पर बीजेपी की जीत के साथ ही पार्टी ने 30 साल का सूखा खत्म किया है। इससे पहले 1993 में बीजेपी के चंद्र विजय सिंह ने इस सीट पर जीत हासिल की थी, लेकिन उसके बाद से यह सीट सपा और अन्य पार्टियों के कब्जे में रही। 65 प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं वाली इस सीट पर सपा ने अपनी जीत को तय माना था, लेकिन रामवीर सिंह ने ‘भाईजान मॉडल’ के जरिए बीजेपी को जीत दिलाई और सपा की सारी उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया।
अखिलेश यादव का आरोप
कुंदरकी सीट पर सपा की हार के बाद अखिलेश यादव ने ट्वीट कर बीजेपी और चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि कुंदरकी में जिन लोगों को वोट डालने से रोका गया या जिनके वोट किसी और ने डाल दिए, वे सभी लोग अपनी शिकायत लेकर लखनऊ आ रहे थे। लेकिन उन्हें बीच रास्ते में यूपी पुलिस ने सीतापुर में रोक लिया। अखिलेश ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने चुनावी घपले को छुपाने के लिए इन लोगों की आवाज को दबाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अगर ये लोग अपनी शिकायत चुनाव आयोग और अन्य अधिकारियों को पहुंचाते, तो बीजेपी का घपला उजागर हो जाता।
पुलिस पर सवाल उठाए
अखिलेश यादव ने कहा कि जब तक ये लोग लखनऊ पहुंचने की कोशिश कर रहे थे, तब तक यूपी पुलिस ने उन्हें सीतापुर में रोक लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने जानबूझकर इन लोगों को रोककर सच्चाई को सामने आने से पहले ही दबा दिया। अखिलेश यादव ने महामना राष्ट्रपति महोदय, सर्वोच्च न्यायालय, चुनाव आयोग, मानवाधिकार आयोग, और राज्यपाल से आग्रह किया है कि इस मामले का तुंरत संज्ञान लिया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार उन लोगों के साथ किसी भी तरह का अन्याय या अत्याचार न करे, जो अपने अधिकार के लिए आवाज उठा रहे थे।
बीजेपी और सपा के बीच तीखी राजनीति
कुंदरकी सीट की हार के बाद बीजेपी और सपा के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। जहां सपा बीजेपी पर आरोप लगा रही है कि चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई है, वहीं बीजेपी अपने इस प्रदर्शन को लेकर आत्मविश्वास से भरी हुई है। कुंदरकी सीट पर बीजेपी की ऐतिहासिक जीत ने इस बात को साबित कर दिया है कि पार्टी ने इस बार मुस्लिम बहुल इलाकों में भी अपनी जड़ें जमा ली हैं। वहीं सपा के लिए यह हार एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, जो पहले इस सीट को अपनी सुरक्षित सीट मान रही थी।