लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के दौरान हुए बहुचर्चित कोऑपरेटिव बैंक नियुक्ति घोटाले में अब बड़ी कार्रवाई हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने दो भ्रष्टाचार पर कड़ा रूख अख्तियार करते हुअ अफसरों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की अनुमति दे दी है।
इन आरोपियों पर गिरी गाज
मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक उत्तर प्रदेश को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के दो तत्कालीन प्रबंध निदेशकों, उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव, सदस्य और भर्ती कंप्यूटर एजेंसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
CM श्री @myogiadityanath जी ने उ.प्र. को-ऑपरेटिव बैंक के सहायक प्रबंधक (सामान्य) एवं सहायक प्रबंधक (कम्प्यूटर) की वर्ष 2015-16 तथा प्रबंधक व सहायक/कैशियर पद पर 2016-17 में की गई भर्ती में भ्रष्टाचार के प्रकरण में सम्बंधित आरोपियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत करने का आदेश दिया है। pic.twitter.com/c187K46Izt
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) October 23, 2020
सीएम कार्यलय ने खुद दी जानकारी
मुख्यमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को ट्वीट कर इस कार्रवाई की जानकारी दी। जिसमें लिखा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने उ.प्र. को-ऑपरेटिव बैंक के सहायक प्रबंधक (सामान्य) एवं सहायक प्रबंधक (कम्प्यूटर) की वर्ष 2015-16 तथा प्रबंधक व सहायक/कैशियर पद पर 2016-17 में की गई भर्ती में भ्रष्टाचार के प्रकरण में सम्बंधित आरोपियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत करने का आदेश दिया है।
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क्या है पूरा मामला
दरअसल मुख्यमंत्री के आदेश पर एसआईटी वर्ष 2012 से 2017 के बीच हुई हुई नियुक्तियों में भ्रष्टाचार की जांच कर रही है। एसआईटी ने अपनी जांच में कई बड़े खुलासे किए हैं। एसआईटी ने अपनी जांच में बताया कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान योग्यता निर्धारण में बदलाव और अन्य अनियमितताएं बरती गईं थी। इसके माध्यम से नेताओं और नौकरशाहों के परिवारीजनों को नौकरियां बांटी गईं थी।
STI की रिपोर्ट को CM ने दी मंजूरी
जांच टीम ने इनके विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा-420, 467, 468, 471 और 120 बी के तहत अभियोग पंजीकृत करने की अनुशंसा की थी, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वीकार करते हुए आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे दिया है।