बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सोशल मीडिया अभियान ने ब्राह्मणों की कथित मुठभेड़ हत्याओं, दलितों, अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और दलितों की मौत से संबंधित मुद्दों को उठाना शुरू कर दिया है।
हैशटेग जवाब कौन देगा अभियान के तहत पार्टी के कई वरिष्ठ सदस्य निदर्ोेषों के उत्पीड़न और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।
इसे 2 फरवरी को आगरा में मायावती की पहली राजनीतिक रैली से पहले पार्टी की राजनीतिक पिच को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है।
बसपा सांसद और महासचिव एससी मिश्रा ने ट्वीट किया, तानाशाही भाजपा सरकार द्वारा जबरदस्ती लागू किए गए कृषि कानूनों में 700 से अधिक विरोध करने वाले किसानों की मौत हुई। यह बेहद शर्मनाक है। एसपी और बीजेपी की जातिवादी मानसिकता के कारण भी ब्राह्मणों की हत्या हुई है। हमें जवाब चाहिए।
पार्टी प्रवक्ता एम.एच. खान ने यह भी ट्वीट किया: 80:20 का नारा देकर संवैधानिक पद पर आसीन मुख्यमंत्री ने केवल दलितों और अल्पसंख्यकों को हाशिए पर रखने का काम किया है।
एक अन्य प्रवक्ता धर्मवीर चौधरी ने भी विरोध कर रहे 700 किसानों की मौत पर ट्वीट किया, जबकि बसपा सांसद रितेश पांडे ने पूछा: हाथरस से लेकर एएमयू तक दलितों और अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के लिए कौन जवाबदेह है?
यह पहली बार है जब बसपा विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से अपनी सोशल मीडिया उपस्थिति का विस्तार कर रही है।