उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों के तरफ से बिजली मूल्यों में वृद्धि का नया प्रस्ताव पेश किया गया है. जिसमें घरेलु बिजली पर 18 से 23 फीसदी तक का इजाफा किया जाएगा. वहीं उद्योगों के लिए 16, वाणिज्यिक उपयोग के लिए 12 और कृषि के लिए 10 से 12 फीसदी की बढ़ोत्तरी प्रस्तावित की गई है. इस प्रस्ताव के बाद विपक्षी पार्टियों का पारा हाई हो गया है. सूबे में अब बिजली के दाम बढ़ने के प्रस्ताव पर सियासी घमासान मचा हुआ है.
बिजली की दर बढ़ाने के प्रस्ताव के बाद किसान, मजदूर, आम आदमी सभी इस खबर के बाद क्रोश में हैं. देश में एक ओर वैसी ही महंगाई की मार ने आम जनता को परेशान कर रखा है. ऐसे में बिजली की दर बढ़ने का प्रस्ताव मंहगाई पर चल रही राजनीतिक लड़ाई में आग में घी डालने का काम कर सकती है. जैसी ही बिजली के मूल्य बढ़ाने का प्रस्ताव आया. विपक्षी दलों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. समाजवादी पार्टी और रालोद ने किसानों, मजदूरों और गरीबों के मसलों को उठाना शुरू कर दिए.
समाजवादी पार्टी और RLD ने एक सुर में कहा कि हम इसके लिए प्रदर्शन करेंगे. बिजली कंपनियों को मनमानी नहीं करने देंगे. आरएलडी नेता राजकुमार सांगवान ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, ”अधिकारियों को घरेंगें, सड़क पर उतरेंगे, खामोश रहने का वक्त चला गया, क्योंकि सरकार किसान गरीब-मजदूर का उत्पीड़न करने पर उतर आई है”.