उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी के पुत्र व मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी को सर्वोच्च न्यायालय ने आर्म्स एक्ट के मामले में अंतरिम राहत दे दी है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया गया है कि वह अगले आदेश तक अब्बास के विरुद्ध कोई एक्शन नही लेंगे।
अब्बास अंसारी के आवेदन पर शीर्ष अदालत ने यूपी की योगी सरकार को नोटिस तलब कर जवाब मांगा है। बीते दिन एमपी-एमएलए अदालत ने उनकी प्रॉपर्टी जब्त करने का आदेश दिया है।अब्बास अंसारी के विरुद्ध उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान उग्र भाषण देने के आरोप में मऊ में प्राथमिकी दर्ज की गई थी । केस में ACJM एमपी-एमएलए कोर्ट ने एमएलए अंसारी व उसके भाई उमर अंसारी के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया था।
जाने पूरा मामला
विधायक अब्बासअंसारी पर आरोप है कि साल 2012 में राजधानीलखनऊ से जारी किए गए आर्म लाइसेंस को बगैर जानकारी दिए ही उन्होंने अपने दिल्ली के पते पर स्थानांतरित करा दिया था। इसके पश्चात मामला अदालत में पहुंचा था और न्यायालय में लगातार पेश नहीं होने के चलते एमपी -एमएलए की स्पेशल कोर्ट ने विधायक की संपत्ति कुर्क करने का निर्देश दिया हैं। सांसद-विधायक विशेष अदालत के जस्टिस अंबरीश श्रीवास्तव ने CRPC की धारा 83 के तहत लखनऊ की महानगर पुलिस की अर्जी का संज्ञान लेते हुए कुर्की आदेश दिया। केस की अगली तारीख 17 नवंबर तय की गई है। अदालत ने उन्हें भगोड़ा भी करार दिया।