लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन में हैं। एक तरफ गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का संचालन व युवाओं को नौकरी के लिए सभी मंत्रालयों व विभागों को जल्द से जल्द रिक्त पदों पर भर्ती के निर्देश दिए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर माफियों के घर बुलडोजर चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में यूपी पुलिस कांस्टेबल की लिखित परीक्षा पेपर लीक मामले में जांच करते हुए स्पेशल टास्क फोर्स यानी एसटीएफ मेरठ यूनिट ने महज 90 दिनों के भीतर कोर्ट में 6 राज्यों के 18 आरोपियों के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल कर दी है। अब इन आरोपियों के खिलाफ मेरठ पुलिस गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी। इनकी संपत्तियों को चिन्हित कर जल्द से जल्द जब्त करने का निर्देश दिया गया है।
गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई
बता दें जिन 18 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, उसमें कुछ हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश और बिहार के रहने वाले हैं। यूपी के पेपर लीक माफियाओं की बात की जाए तो इसमें प्रयागराज के राजीव नय मिश्रा, अभिषेक शुक्ला, मिर्जापुर के शिवम गिरि, भदोही के रोहित पांडेय और नोएडा के रवि अत्री शामिल हैं। इन माफियों के खिलाफ राज्य सरकार गैंगस्टर एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई करने जा रही है।
परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने के लिए कठोर नियम
बता दें राज्य सरकार कड़ाई के साथ प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करने के लिए एक के बाद एक कदम उठा रही है। अब प्रतियोगी परीक्षाओं को आयोजित करने के लिए केंद्रों का आवंटन रैंडम आधार पर किया जाएगा। साथ ही कक्ष निरीक्षकों को परीक्षा केंद्र का आवंटन प्रवेश से 30 मिनट पहले स्टैटिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में की जाएगी। साथ ही राज्य सरकार की ओर से परीक्षा आयोजित करने वाले आयोग को निर्देश दिया गया है कि सभी परीक्षा केंद्रों पर 50 प्रतिशत कक्ष निरीक्षक बाहर के होने चाहिए।