समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को लखनऊ में एक प्रेस वार्ता के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर एक चौंकाने वाला बयान दिया। अखिलेश ने दावा किया कि योगी आदित्यनाथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्य नहीं हैं। इस बयान से सपा प्रमुख ने यूपी की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे दिया है।
अखिलेश यादव ने यह दावा बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर के एक बयान के संदर्भ में किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि यूपी में हर दिन 50 हजार गायों को काटा जा रहा है। हालांकि, अखिलेश ने बिना उनका नाम लिए कहा, “एक विधायक ने कहा कि 50 हजार गाय प्रतिदिन काटे जा रहे हैं। अब या तो वह विधायक झूठ बोल रहे हैं, या फिर सचमुच ऐसा हो रहा है।” अखिलेश ने यह भी कहा कि अगर बीजेपी की सरकार नहीं होती, तो आजकल मुख्यमंत्री आवास में घुसने की धमकियां दी जा रही थीं।
आखिर में अखिलेश ने कहा, “अगर रोज 50 हजार गायें काटी जा रही हैं तो मुख्यमंत्री आवास में क्यों नहीं घुसते? ऐसा कुछ करना चाहिए, क्योंकि यह सब सच्चाई है।”
सपा प्रमुख ने संभल मामले को भी उठाया:
प्रेस वार्ता के दौरान अखिलेश यादव ने संभल जिले में हाल ही में हुई घटना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल वहां जाकर लोगों से बात करना चाहता था, लेकिन सरकार ने उनकी अनुमति नहीं दी। बाद में, पुलिस ने उन्हें दूसरी बार अनुमति दी। अखिलेश ने सवाल उठाया कि जब पहले वह नहीं जा सकते थे, तो सरकार किस बात को छिपाना चाहती थी?
“यह पूरी घटना सरकार द्वारा गढ़ी गई है। लोग जानबूझकर दबाव में हैं और उन पर झूठे मामले बनाए जा रहे हैं। पूजा स्थल अधिनियम 1991 पहले से मौजूद था, तो फिर सर्वेक्षण की इतनी जल्दी क्यों थी?” अखिलेश ने कहा।
अखिलेश का आरोप: पुलिस ने गोली चलाकर कई लोगों की जान ली:
सपा प्रमुख ने यह भी दावा किया कि संभल में कोई दंगा नहीं हुआ था, बल्कि लोगों की जान प्रशासन की गोलीबारी के कारण गई। “क्या दबाव है अधिकारियों पर कि वे अलोकतांत्रिक कार्य कर रहे हैं? जब लोग जेल गए, तो उन्हें बुरी तरह पीटा गया। उन पर सरकार के मुताबिक बयान देने का दबाव डाला गया।” अखिलेश ने यह भी कहा कि सपा के प्रतिनिधिमंडल से मिलने के बाद अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था, और यह निलंबन भी जाति के आधार पर किया गया।
समाजवादी पार्टी का दबाव बनाने का आरोप:
अखिलेश ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार जानबूझकर इस मामले को और बढ़ावा दे रही है। “सरकार का उद्देश्य इस पूरे मामले में विरोधियों को कमजोर करना था, ताकि चुनावी माहौल अपने पक्ष में किया जा सके।” उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ने जो कदम उठाए थे, वह सब सत्ता की ओर से निर्देशित थे।
सपा प्रमुख ने बीजेपी और योगी सरकार पर गंभीर सवाल उठाए
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अखिलेश यादव का यह बयान कई सवालों को जन्म देता है। एक तरफ जहां सपा प्रमुख ने योगी सरकार पर आरोप लगाए हैं, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने बीजेपी के भीतर हो रही गुटबाजी और पार्टी के अंदरूनी विवादों को भी तवज्जो दी है। यह दावा और बयान चुनावी मौसम में कई सवालों का सामना कर सकता है और यूपी की राजनीति को नया मोड़ दे सकता है।
अखिलेश यादव का यह बयान क्या राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है?
हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने यूपी में बड़ी चुनौती दी थी, और इस बार भी वह बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में है। अखिलेश यादव के इस बयान को उनकी पार्टी की चुनावी रणनीति का हिस्सा भी माना जा सकता है, जिसमें वह बीजेपी की राजनीतिक जमीन को खिसकाने की कोशिश कर रहे हैं।