तीन मंत्रियों के कार्यक्रम में लाखों खर्च, सिर्फ 34 लोग पहुंचे

रोज रोज नेताओं के दौरे, आए दिन वही भाषण से शायद जनता ऊब चुकी है। यहीं कारण है कि अब सरकारी कार्यक्रमों में जाने से कटने लगी है। आलम ये है लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी लोग किसी कार्यक्रम में जाना पंसद नहीं करते। यही नजारा बीते दिनों सहारनपुर में देखने को मिला। जहां एक साथ शहर में बीजेपी के तीन मंत्री कार्यक्रम करने पहुंचे थे। लेकिन वहां उनके आने पर जिन्दाबाद के नारे तक लगाने वाले नहीं पहुंचे। जिसके बाद तो तीनों मंत्रियों का पारा ही गर्म हो गया और किसी तरह कार्यक्रम की औपचारिकता निभाकर चलते बने।

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करोड़ों के उद्घाटन कार्यक्रम से गायब लोग

दरअसल मौका था जिले में दस करोड़ की योजनाओं के लोर्कापण और शिलान्यास का। जिसमें प्रदेश सरकार के तीन-तीन कद्दावर मंत्री अतिथि के तौर पर आने थे।  सीटिंग अरजमेंट भी हजार से ज्यादा लोगों का किया गया था। लेकिन आलम ये रहा कि मंच से नीचे सिर्फ 34 लोग ही थे। जिनमें कुछ मंत्रियों के सुरक्षा कर्मी और निजी स्टाफ भी शामिल था। साथ ही कार्यक्रम की कवरेज करने गए कुछ मीडिया के लोग भी थे। पार्टी कार्यकर्ताओं और लोगों के ना पहुंचने से मंत्री और अन्य नेताओं नाराज हो गए। अधिकारियों को इसके लिए फटकार भी लगाई। वहीं जिले के प्रभारी मंत्री तो मंच से नाम पुकारे जाने के बावजूद भी कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए खड़े नहीं हुए।

तीन मिनट में निपटाया संबोधन

इतना ही नहीं, वरिष्ठ नेता और नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने सिर्फ तीन मिनट में अपना संबोधन निपटा दिया। तीन मंत्रियों के कार्यक्रम में लोगों के न पहुंचने से बड़ी किरकिरी हुई। जिसके बाद बीजेपी नेताओं ने नगरायुक्त को ही जिम्मेदार ठहराया दिया। वहीं नगर निगम के अनुसार जनमंच सभागार में  11 सौ लोगों के लिए इंतजाम किया गया था।

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ये था कार्यक्रम

दरअसल जिले के जनमंच सभागार में नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना को करीब दस करो़ड़ की लागत की 28 योजनाओं का शिलान्यास व लोर्कापण करना था। साथ ही फुटपाथ दुकानदारों को प्रमाण पत्र तथा स्वयं सहायता समूहों को चैकों का वितरण किया जाना था। कार्यक्रम में नगर विकास मंत्री के साथ जिले के प्रभारी और कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही और जिले के विधायक और स्वतंत्र प्रभार मंत्री डा धर्म सिंह सैनी और विधायक प्रदीप चौधरी, समेत अन्य भाजपा नेता पहुंचें। लेकिन सभागार में सन्नाटा पसरा था। पूरे सभागार में मात्र 34 लोग उपस्थित थे। जिसमें विभागों के अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल थे।

कार्यकर्ताओं का बुलाने हमारा काम नहीं : नगरायुक्त

कार्यक्रम में सन्नाटे को लेकर बीजेपी नेताओं ने नगर निगम को दोषी बताया है। नाराजगी व्यक्त करते हुए शासन को रिपोर्ट भेजने की चेतावनी दी है। वहीं नगरायुक्त गौरव वर्मा का कहना है कि यह सिर्फ लोर्कापण का कार्यक्रम था, जिसमें उन्होंने बीजेपी के सभी नेताओं को कार्ड दिए थे, कार्ड में भी लिखा था कि अधिक से अधिक संख्या में आयें। इतना ही नहीं नगर आयुक्त ने कहा कि  कार्यकर्ताओं को बुलाने का जिम्मा तो जनप्रतिनिधियों का था। वह भीड़ तो नहीं इकट्ठा कर सकते।

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नगरायुक्त का था कार्यक्रम : डा. धर्म सिंह सैनी

वहीं भीड़ न जुटने पर डॉ धर्म सिंह सैनी ने कहा कि यह कार्यक्रम लोगों के लिए नगर निगम ने रखा था। कार्यक्रम के मुखिया नगरायुक्त थे। इसे सफल बनाने की जिम्मेदारी भी उनकी ही थी।

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