यूपीआई पर बढ़ती निर्भरता को देखते हुए आरबीआई ने यूपीआई से पेमेंट करने की लिमिट में बढोतरी कर दी है।
आज रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने नए मौद्रिक नीति का ऐलान किया। अर्थशास्त्रियों की उम्मीद के अनुरूप आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने शुक्रवार को रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया।
एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक के बाद फैसले की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज कहा कि समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 फीसदी पर बनाए रखने का फैसला किया है।
आगे शक्तिकांत दास ने कहा कि आर्थिक कारकों को ध्यान में रखते हुए एमपीसी ने वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि दर सात फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। और समिति ने विभिन्न घरेलू मुद्दों को ध्यान में रखते हुए 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई दर 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जारी किया है।
इसके अलावा भू-राजनीतिक स्थिति के कारण अनिश्चितता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि एमपीसी सतर्क है और आवश्यक कार्रवाई करने के लिए तैयार है।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने 8 दिसंबर को मॉनिटरी पॉलिसी बैठक के दौरान एक बड़ा फैसला लिया है। शक्तिकांत दास ने बताया कि यूपीआई के जरिए लेनदेन काफी आसान हो गया है। इसके यूजर्स की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में फैसला लिया गया है कि यूजर्स 5 लाख रुपये तक की पेमेंट कर सकते हैं।
नई मौद्रिक नीति के तहत आरबीआई ने कहा कि अब 5 लाख रुपये तक की UPI ट्रांजैक्शन की जा सकती है। स्कूल-कॉलेज की फीस, हॉस्पिटल के बिल को चुकाने के लिए कोई भी शख्स 5 लाख रुपये तक की यूपीआई पेमेंट कर सकते हैं।