प्रयागराज, उत्तर प्रदेश – उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन अब चौथे दिन भी जारी है। हजारों छात्र आयोग के फैसले के खिलाफ विरोध कर रहे हैं, जिसमें यूपीपीएससी ने पीसीएस प्रीलिम्स 2024 और आरओ/एआरओ प्रीलिम्स 2023 को दो शिफ्टों में और दो अलग-अलग दिनों में आयोजित करने का निर्णय लिया था। छात्र इस फैसले के खिलाफ “One Shift, One Exam” की मांग कर रहे हैं, और इस दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई है।
पुलिस से भिड़े छात्र, बैरिकेड तोड़े
प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को यूपीपीएससी के कार्यालय के मुख्य द्वार पर नारेबाजी की और अपनी मांगों को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। गुरुवार को छात्रों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़ते हुए आयोग के मेन गेट तक पहुंचने की कोशिश की। पुलिस ने कई छात्रों को हिरासत में लिया, जिसमें प्रमुख छात्र नेता आशुतोष पांडे भी शामिल हैं।
प्रदर्शन स्थल के चारों ओर बैरिकेडिंग को और बढ़ा दिया गया था, लेकिन छात्रों ने पुलिस से टकराते हुए इन बैरिकेड्स को तोड़ दिया। पुलिस के अनुसार, कुछ बाहरी तत्व भी प्रदर्शन में शामिल हो गए थे, जिन्हें हिरासत में लिया गया है। हालांकि, छात्र अपने अभियान को लेकर पूरी तरह से गंभीर हैं और लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
छात्रों का “One Shift, One Exam” को लेकर विरोध
प्रदर्शनकारी छात्र यूपीपीएससी के निर्णय को अनुचित मानते हैं और चाहते हैं कि परीक्षाएं एक ही शिफ्ट में और एक ही दिन आयोजित की जाएं। उनका कहना है कि यह तरीका छात्रों के लिए अधिक सुविधाजनक और समान होगा। छात्र एकजुट होकर लगातार ये मांग कर रहे हैं कि आयोग को अपने फैसले को बदलना चाहिए।
प्रदर्शन के दौरान, छात्र आंदोलन को और तेज करने के लिए विभिन्न तरीके अपना रहे हैं। मंगलवार को छात्रों ने थाली बजाकर और आयोग के मुख्य द्वार पर काली स्याही फेंककर विरोध जताया। वहीं, रात को कैंडल मार्च और मोबाइल टॉर्च जलाकर सरकार और आयोग के खिलाफ नारेबाजी की गई। बुधवार को कुछ छात्रों ने आयोग के अध्यक्ष के पोस्टर के साथ उन्हें “गुमशुदा” घोषित करते हुए उनका पता लगाने वाले को एक रुपए का इनाम देने का एलान किया।
प्रशासन की कोशिशें नाकाम
प्रदर्शन के बीच प्रशासन ने छात्रों से बातचीत करने की कोशिश की। मंगलवार रात को प्रयागराज के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार, पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा और आयोग के सचिव अशोक कुमार ने छात्रों से मुलाकात की और उन्हें समझाने की कोशिश की। वे लगभग आधे घंटे तक छात्रों से बातचीत करते रहे, लेकिन छात्र अपने निर्णय से पीछे नहीं हटे। उन्होंने साफ कह दिया कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, वे प्रदर्शन जारी रखेंगे।
प्रशासन ने भी छात्रों से सख्ती से निपटने की चेतावनी दी है और कहा है कि जो लोग विरोध प्रदर्शन में बाधा डालेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके बावजूद, छात्रों ने पुलिस के बार-बार दबाव के बावजूद अपना आंदोलन जारी रखा है।
आगे क्या होगा?
प्रदर्शन का यह सिलसिला अब और बढ़ने की संभावना है, क्योंकि छात्र अभी तक अपनी मांगों से पीछे नहीं हटे हैं। आने वाले दिनों में, यह आंदोलन और भी तेज हो सकता है, जिससे प्रयागराज में और अधिक तनाव की स्थिति बन सकती है। फिलहाल, प्रशासन और छात्र दोनों ही अपनी-अपनी स्थिति पर अड़े हुए हैं।