उत्तरप्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. परीक्षा में आए तकरीबन 12 सवाल ऐसे हैं, जिस पर अभ्यर्थियों ने आपत्ति दर्ज कराई थी लेकिन सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से इन आपत्तियों का कोई निस्तारण नहीं किया गया.
अभ्यर्थियों ने रविवार को चंद्रशेखर आजाद पार्क में बैठक कर निर्णय लिया कि वे इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे. उत्तरकुंजी जारी होने के बाद अभ्यर्थियों ने अंकों का हिसाब लगाया तो इनमें बहुत से अभ्यर्थी ऐसे हैं जो दो-तीन अंकों के अंतर से टीईटी उत्तीर्ण होने से वंचित हो गए हैं.
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अभ्यर्थियों ने जिन सवालों पर आपत्ति जताई है, अगर उनका निस्तारण कर दिया गया होता तो ऐसे अभ्यर्थियों का टीईटी में उत्तीर्ण होने का रास्ता साफ हो जाता. रविवार को अभ्यर्थी अनूप सिंह, उत्पल, विशाल, गिरिजेश, पवन, रोहित समेत तमाम अभ्यर्थियों ने चंद्रशेखर आजाद पार्क में बैठक की और निर्णय लिया कि मामले में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे.
अभ्यर्थियों ने दावा किया कि सभी 12 सवालों के गलत होने के उनके पास साक्ष्य हैं. इसके बावजूद आपत्तियों का निस्तारण नहीं किया गया और अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया जा रहा है.
श्रृंखला ‘ए’ के इन सवालों पर है आपत्ति
- प्रश्न संख्या 44 में तद्भव और तत्सम सबंधी सवाल में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने दो विकल्प सही माने हैं और दोनों पर अंक देने की बात कही है जबकि अभ्यर्थी मांग कर रहे है कि सभी को समान अंक दिए जाएं.
- प्रश्न संख्या 53 में ‘मेरी भव बाधा हरौ’ संबंधी सवाल पर दो विकल्प सही माने गए हैं जबकि अभ्यर्थी तीन विकल्प सही होने का दावा कर रहे हैं.
- प्रश्न संख्या 23 में क्रिया प्रसूत अनुबंध सिद्धांत से संबंधी सवाल पर अभ्यर्थियों ने डा. मालती सारस्तव की पुस्तक को आधार बनाकर आपत्ति की है.
- प्रश्न संख्या 24 में ‘कौन सी अधिगम की एक विशेष नहीं है?’ सवाल पर डॉ. एलएल गुप्ता एवं मदन मोहन की पुस्तक में दिए गए तथ्यों का आधार बनाकर आपत्ति की है.
- प्रश्न संख्या सात में ‘कौन स्वर हास्य नहीं होता? सवाल पर कक्ष एक से पांच तक की पुस्तक रुचिरा को आधार बनाकर आपत्ति की गई है.
- प्रश्न संख्या छह में ‘कौन सा शिक्षण सूत्र नहीं है? पर एनसीईआरटी की पुरस्तक को साक्ष्य मानते हुए आपत्ति की गई है.
- वहीं, प्रश्न संख्या आठ में ‘अस्मक, शहर का षष्ठी, बहुवचन रूप है’ से संबंधित सवाल पर भी आपत्ति की गई है जिसका अभ्यर्थियों के पास साक्ष्य भी है.