नई दिल्ली, राजसत्ता डेस्क। कोरोना संकट के बीच विवादित दक्षिण चीन सागर में तनाव बढ़ता दिख रहा है। अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में मलेशिया के रास्ते अपने युद्धपोत उतार दिए है। जिसके बाद कोरोना को लेकर आपस में पहले से ही उलझे चीन और अमेरिका अब आमने-सामने आ गए हैं। अमेरिका ने चीन पर अब अपनी आखें गड़ा ली हैं। कोरोना का वायरस कहां से आया इसके पीछे अमेरिका के डॉक्टर और वैज्ञानिकों के साथ खुफिया आंखें भी चीन के अंदर काम करने में लग गई हैं, जिसे चीन अच्छी तरह से जानता है लेकिन चीन को पता नहीं है कि अमेरिका चीन के अंदर किस तरह से कोरोना की कड़िया जोड़ रहा है। अमेरिका ने चीन को चौतरफा घेरने के लिए उसे समुद्री रास्ते में भी उलझाना शुरू कर दिया है।
अमेरिका के विदेश मंत्री माईक पॉम्पियो का कहना है कि कोरोना वायरस से दुनिया में उपजी परिस्थितियों का फायदा उठाकर चीन दक्षिण चीन सागर में अपने महत्वाकांक्षी योजनाओं पर तेजी से काम करने लगा है, मतलब की चीन दुनिया को उलझाकर खुद काम पर लग गया है..जबकि इस क्षेत्र को लेकर चीन का वियतनाम, फिलिपींस, ताइवान, मलेशिया और ब्रूनेई के साथ विवाद चल रहा है। चीन इस क्षेत्र में खुद ही जिलों का निर्माण कर उन्हें नाम भी देने लगा है।
माईक पोंपियो ने दुनिया का चीन की ओर ध्यान आकर्षित किया है कि चीन दक्षिण सागर में विवादित द्वीपों और समुद्री क्षेत्रों में अपने प्रशासनिक जिलों की घोषणा और महीने कर रहा है और पिछले दिनों उसने वहां वियतनामी मछली पकड़ने वाले जहाज को डूबाने का भी काम किया था।
अमेरिका ने खुलासा करते हुए कहा कि चीन बाकी दुनिया को कोरोना के जाल में फंसाकर खुद समुद्र में गैस और ऑइल प्रॉजेक्ट्स लगाने का काम कर रहा है औऱ खुद के सैन्य जहाजों की तैनाती कर दुनिया के बाकी देशों को वहां पर डरा रहा है। अमेरिका ने कहा कि चीन कोविड 19 की वजह से ध्यान हटने का फायदा उठा रहा है। अमेरिका ने आरोप लगाया जो क्षेत्र विवादित हैं चीन उनपर अपना दावा ठोकता है।
ऐसे में अब चीन और अमेरिका आमने सामने खड़े हो गए हैं…
अमेरिका ने मलेशिया के रास्ते जल और थल में चलने वाले अपने दो युद्ध पोतों को दक्षिण चीन सागर में उतारकर चीन के मंसूबों को रोकने का काम कर दिया है। अमेरिका ने युद्ध पोतों के साथ बेहद मारक यूएसएस और गाइडेड मिसाइल से लैस यूएसएस बंकर हिल युद्धपोत दक्षिण चीन सागर के विवादित क्षेत्र में उतार दिए हैं। दक्षिण चीन सागर पर नजरें रखने वाले एक्सपर्ट बता रहे हैं कि अमेरिका का ये कदम चीन को नागवारा गुजरेगा और चीन अमेरिका को पांव पीछे खींचने के लिए दबाव बनाएगा जिसके बाद दक्षिण चीन सागर में युद्ध छिड़ सकता है।