एलन मस्क, जिनकी कंपनी टेस्ला दुनियाभर में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मार्केट में धूम मचा रही है, अब भारत में कदम रखने की तैयारी कर रहे हैं। इस कदम की अटकलें तब तेज़ हुईं, जब टेस्ला ने भारत में कई पदों के लिए भर्तियां शुरू कर दीं और शोरूम तथा मैनुफैक्चरिंग प्लांट के लिए जगह भी तलाशनी शुरू कर दी। इससे साफ है कि अब एलन मस्क का ध्यान भारत पर है।
लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिरकार एलन मस्क ने भारत में एंट्री करने का फैसला क्यों लिया? क्या ये महज एक नई बाजार में कदम रखने की योजना है, या फिर इसके पीछे कुछ मजबूरी भी है?
एलन मस्क की भारत में एंट्री: अब क्यों और कैसे?
मस्क का भारत में कदम रखने का इरादा काफी पुराना रहा है, लेकिन इसके बावजूद वे सफल नहीं हो पा रहे थे। अब आखिरकार ऐसा क्या बदल गया कि मस्क ने भारत में टेस्ला को लाने का मन बना लिया है? इस सवाल का जवाब है— भारतीय इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मार्केट की तेजी से बढ़ती मांग और मस्क के लिए चीन में कम हो रही संभावनाएं।
1. भारत में भर्ती का आगाज
टेस्ला ने भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए अब तक 13 पदों के लिए भर्ती निकाली है। इस भर्ती में सर्विस एडवाइजर, सेल्स और कस्टमर सपोर्ट, टेक्नीशियन, स्टोर मैनेजर, बिजनेस ऑपरेशन एनालिस्ट जैसे महत्वपूर्ण पद शामिल हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि कंपनी भारत में अपना नेटवर्क और सर्विस सिस्टम स्थापित करने जा रही है।
2. मैनुफैक्चरिंग प्लांट के लिए जगह तलाशना
मस्क ने भारत में मैनुफैक्चरिंग प्लांट खोलने के लिए जगह की तलाश शुरू कर दी है। महाराष्ट्र सरकार के साथ बातचीत चल रही है और पुणे के पास चाकन और चिखली जैसे संभावित स्थानों की पहचान की गई है। चाकन में मर्सिडीज का प्लांट भी स्थित है, जो इस क्षेत्र में मजबूत ऑटोमोटिव इन्फ्रास्ट्रक्चर को दिखाता है।
3. शोरूम के लिए संभावित स्थान
इसके अलावा, टेस्ला अपनी गाड़ियों को भारतीय बाजार में लॉन्च करने के लिए शोरूम खोलने की योजना भी बना रही है। खबरों के मुताबिक, टेस्ला मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) और दिल्ली के Aerocity में शोरूम खोल सकती है। यदि यह शोरूम खुलते हैं, तो यह टेस्ला के भारत में प्रवेश की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
टेस्ला का प्लान: भारत में EV मार्केट पर ध्यान
एलन मस्क का प्लान अब भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का है। वे भारत को एक बड़े और समृद्ध EV बाजार के रूप में देखते हैं। टेस्ला का ध्यान केवल कारों की बिक्री पर नहीं, बल्कि यहां एक मैनुफैक्चरिंग प्लांट खोलने की ओर भी है, ताकि यहां की उत्पादन क्षमता से कारों को भारतीय बाजार में उपलब्ध कराया जा सके।
टेस्ला भारत में शुरुआत में जर्मनी से अपनी कारों को आयात करके बेचना चाहती है, लेकिन इसके बाद कंपनी भारत में मैनुफैक्चरिंग प्लांट लगाने की योजना पर काम कर रही है। शुरुआती दौर में, कंपनी भारत से ऑटो पार्ट्स खरीदने की योजना बना रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टेस्ला 100 करोड़ डॉलर से अधिक का निवेश भारत से ऑटो पार्ट्स खरीदने में कर सकती है।
भारत में टेस्ला का आना क्यों हुआ जरूरी?
एलन मस्क के लिए भारत में एंट्री अब एक मजबूरी भी बन गई है। दरअसल, टेस्ला की गाड़ियों की सेल्स लगातार गिर रही हैं। सबसे पहले, चीन, जो टेस्ला के लिए एक बड़ा मार्केट था, अब स्थानीय कंपनियों से भरा हुआ है, जो इलेक्ट्रिक और ऑटो पायलट फिचर वाली गाड़ियां पेश कर रही हैं। इसके अलावा, अमेरिका और यूरोप में भी टेस्ला की बिक्री में गिरावट देखी गई है।
अमेरिका में, जनवरी 2025 में टेस्ला की बिक्री 16% घट गई थी, जबकि जर्मनी में यह आंकड़ा 59% तक पहुंच गया था। ऐसे में मस्क को भारत एक नया और संभावनाओं से भरा हुआ बाजार नजर आ रहा है। भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल की मांग तेजी से बढ़ रही है, और यहां आने से टेस्ला को कई फायदे मिल सकते हैं, जैसे कि:
- नया मार्केट: भारत में टेस्ला का कोई प्रतिस्पर्धी नहीं है, और यह कंपनी के लिए एक नया और विकसित होता हुआ बाजार है।
- कम प्रतिस्पर्धा: भारत में टेस्ला को आने वाले कुछ सालों तक कम प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा, जो इसे एक लाभकारी स्थिति में रखेगा।
- बड़ी मार्केट पोटेंशियल: भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो बाजार है, और यहां इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए व्यापक संभावनाएं हैं।
क्या भारत में टेस्ला की एंट्री अब तय हो गई है?
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, टेस्ला के भारत में आने की संभावना अब काफी बढ़ गई है। दिल्ली और मुंबई में टेस्ला के शोरूम खोले जाएंगे, जो करीब 5,000 वर्ग फीट में फैले होंगे। कहा जा रहा है कि अप्रैल से टेस्ला की गाड़ियों की बिक्री शुरू हो जाएगी। इन गाड़ियों की कीमत 25,000 डॉलर (करीब 21 लाख रुपये) से शुरू हो सकती है।
आखिरकार, टेस्ला को भारत में क्यों आना पड़ा?
एलन मस्क के लिए भारत में एंट्री अब एक ज़रूरत बन गई है। टेस्ला की बिक्री में गिरावट और चीन में बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने मस्क को भारत जैसे बड़े और विकासशील बाजार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मजबूर कर दिया है। इसके अलावा, भारत में सरकार की ओर से टेस्ला को लेकर काफी सकारात्मक संकेत भी मिल रहे हैं, जैसे कस्टम ड्यूटी में कमी और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं।