लखनऊ। योगी आदित्यनाथ सरकार ग्रामीण आबादी लिए 5,000 से ज्यादा स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित करेगी। यह फैसला समुदायों को उनके घरों के करीब व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।
सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और चिकित्सा और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए योजनाबद्ध और चरणबद्ध तरीके से कार्य किया है।
इसके अतिरिक्त , सरकार ने प्रदेश में ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया है। नतीजतन, प्रदेश के छोटे अस्पतालों से लेकर बड़े अस्पतालों में रेफर करने के केस में उल्लेखनीय कमी आई है।
इन 5,000 नए स्वास्थ्य केंद्रों से स्वास्थ्य योजनाओं को भी सही तरीके से लागू किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग इन नए उपकेंद्रों पर जरुरी चिकित्सा उपकरण, चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित करेगा।
केंद्रों में मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य, टीकाकरण, किशोर स्वास्थ्य, मधुमेह, रक्तचाप की जांच और संचारी और गैर-संचारी रोगों के इलाज की व्यवस्था होगी।
साथ ही योग व व्यायाम, परामर्श, स्वास्थ्य शिक्षा, आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं जैसी गतिविधियां मौजूद रहेंगी। टीकाकरण और मातृ स्वास्थ्य जांच और इलाज के अतिरिक्त सीजनी बीमारियों को फैलने से रोकने के उपायों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि उपकेंद्रों पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) उपस्थित रहेंगे। मरीजों को उनके उपचार के मुताबिक विशेषज्ञ डॉक्टरों के पास भी भेजा जाएगा।
KGMU जैसे संस्थानों से छह महीने तक प्रशिक्षित स्टाफ नर्सों को CHO के तौर पर तैनात किया जाएगा।