योगी सरकार का बड़ा फैसला, रामलीला मैदानों का होगा उद्धार
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल के दौरान यूपी के कब्रिस्तानों की चारदीवारी बनाने पर तेरह सौ करोड़ रुपये खर्च किए थे. वहीं यूपी में विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने शमसान बनाम कब्रिस्तान का मुद्दा उठाया था.
वहीं अब योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, अयोध्या और लखनऊ समेत 10 जिलों में रामलीला मैदान का चिन्हीकरण करके 6-8 फीट ऊंची चारदीवारी बनाने की योजना पर काम शुरू करने का आदेश दिया है. वहीं कलाकारों के लिए ग्रीन रूम, गेट का निर्माण आदि करने के लिए कमेटी बनाने का आदेश जारी किया गया है. साथ ही इसकी जिम्मेदारी जिलाधिकारी को दी गई है.
आदेश में कहा गया
योगी सरकार की तरफ से आदेश दिया गया कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, अयोध्या और लखनऊ समेत 10 जिलों में रामलीला मैदान का चिन्हीकरण करके 6-8 फीट ऊंची चारदीवारी करवाई जाए. आदेश में कहा गया कि रामलीला मैदानों की पहचान राजस्व अभिलेखों के आधार, रामलीला समितियों के आधार पर, परपंराओं समेत मान्यताओं के आधार पर की जाएगी. लगभग 6 से 8 फीट ऊंचाई की चारदीवारी का निर्माण कराया जाए, जिसके दोनों तरफ रामायण से संबंधित चित्र भी बनाए जाए. साथ ही पूरे परिसर को एक कलात्मक रामायण परिसर के रूप में विकसित किया जा सके.
रामलीला मैदानों में प्रवेश द्वार खासतौर पर बनाने का आदेश दिया गया है. साथ ही इन प्रवेश द्वारों का नाम भी रखने की बात कही गई है जैसे:- अयोध्या, चित्रकूट, मिथिला, जनकपुर, पंचवटी आदि रखे जा सकते हैं. साथ ही प्रवेश द्वारों का डिजाइन भी नाम के अनुसार ही करने का आदेश दिया गया है. साथ ही रामलीला समितियों से विचार-विमर्श करके उनकी सहमति के आधार पर छोटे-छोटे मंच अयोधिया, लंका, चित्रकूट आदि बनाए जा सकते हैं. वहीं स्वच्छता अभियान को ध्यान में रखते हुए मैदान ग्रीन रूम और शौचालय बनाने के भी आदेश दिए गए हैं.
अखिलेश यादव ने कब्रिस्तान की करवाई थी चारदीवारी
वहीं इसके बाद अखिलेश सरकार में कब्रिस्तानों की चारदीवारी पर किए गए खर्च की जांच के आदेश पहले ही योगी सरकार दे चुकी है. हालांकि, अखिलेश यादव को अपने कार्यकाल के दौरान भी घोटाले की शिकायतें मिली थी. वहीं अब इसकी जांच विभाग के विशेष सचिव और आईएएस अधिकारियों की अगुवाई में 3 सदस्यों की एक जांच कमेटी बना दी गई है.