यूपी सरकार का विधानमंडल के दोनों सदनों का शीतसत्र 18 दिसंबर से शुरु हो रहा है। इसके लिए सरकार के प्रस्ताव को राज्यपाल राम नाईक ने दोनों सदनों विधान सभा और विधान परिषद का शीत सत्र बुलाने की अनुमति दे दी है।
शीतसत्र में हंगामे के आसार
विधानमंडल के दोनों सदनों में ये सत्र हंगामेदार होने के उम्मीद है। एक तरफ जहां कानून व्यवस्था का मामला उठ सकता है। वहीं सरकार धान खरीद में हीलाहवाली और मिट्टी की जांच में घोटाला सिरदर्द बन सकती है। सूत्रों की माने तो सरकार दोनों सदनों में एक सप्ताह का ही सत्र चलाने के मूड में है। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष कानून व्यवस्था, लखनऊ में एप्पल के अधिकारी की हत्या की घटना और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण आदि मुद्दों सहित प्रदेश सरकार को घेरने की तैयारी में है।
सरकार को घेरना आसान नहीं
हालांकि सरकार को घेरना आसान नहीं होगा क्योंकि नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी इन दिनों अस्पताल में भर्ती है। जिस कारण विपक्ष के हमलों की धार अपेक्षाकृत तीखी नहीं रहेगी। लोकसभा चुनाव से पूर्व सरकार विकास कार्यों को रफ्तार देने के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट लाने की तैयारी कर रही है। सत्र के पहले दिन विधायक रामकुमार वर्मा के निधन पर शोक के कारण कार्य नहीं होगा।
सरकार ने की पूरी तैयारी
सरकार अपने मंत्रियों को निर्देश देने जा रही है कि वे विपक्ष और विभागीय सवालों का जवाब देने के लिए पूरी तैयारी के साथ आएं। साथ ही विभागीय प्रमुख सचिवों को भी निर्देश दिए जा रहे हैं कि वे अपने विभागों से संबंधित ज्वलंत समस्याओं से मुख्यमंत्री और संबधित मंत्रियों को लिखित में अवगत करा दें जिससे वे इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दें।