उत्तराखंड में देहरादून के सीजेएम एम.एम पांडेय की अदालत में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के ओएसडी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है. पूर्व सहायक कृषि अधिकारी के प्रार्थना पत्र पर ओएसडी जेसी खुल्बे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
जानकारी के मुताबिक सीएम त्रिवेंद्र रावत के ओएसडी जेसी खुल्बे के साथ चार पूर्व और वर्तमान अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में मामला दर्ज हुआ है. आरोप है कि विभिन्न योजनाओं के तहत 70 लाख रुपए का गबन किया गया है.
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क्या है पूरा मामला
जेसी खुल्बे पर आरोप लगा है कि उन्होंने कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी चकराता के पद पर रहते हुए तत्कालीन सहायक कृषि अधिकारी ओमवीर सिंह के साथ मिलकर साल 2015 में आईडब्ल्यूएमपी (समेकित जलागम प्रबंधन कार्यक्रम) और राष्ट्रीय जलागम विकास योजना के तहत तमाम फर्जी बिल, मजदूरी प्रमाणपत्र आदि बनाए.
बता दें कि दोनों योजनाएं केंद्र सरकार द्वारा पोषित हैं। तत्कालीन सहायक कृषि अधिकारी ओमवीर सिंह, कृषि निदेशक गौरी शंकर और मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी उनके साथ मिले हुए थे.
इस मसले में सितंबर 2018 में पूर्व सहायक कृषि अधिकारी रमेश चंद चौहान ने अदालत में इस फर्जीवाड़ें से जुड़ा प्रार्थना दाखिल किया. जांच के बाद पूरा मामले का पर्दाफाश हुआ और मालूम चला कि इन कार्यों में जिन लोगों को मजदूर दिखाया गया था कि उनमें कुछ लोग दिव्यांग हैं और कुछ कॉलेज के छात्र हैं.
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इस पूरे फर्जीवाड़े की पुष्टि के बाद सामने आया कि मामले में 70 लाख रुपए का गबन किया गया है.
पहले भी दी थी तहरीर- रमेश चंद चौहान
शिकायतकर्ता रमेश चंद चौहान का आरोप है कि उन्होंने जुलाई में थाना पटेलनगर को तहरीर दी थी लेकिन कार्रवाई नहीं की गई. इतना ही नहीं 30 अगस्त को भी एसएसपी को शिकायत की गई थी. लेकिन इस पर भी गौर नहीं किया गया. इसके बाद उन्होंने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 156(3) के तहत एफआईआर दर्ज कराने को प्रार्थनापत्र दाखिल किया. अदालत ने सभी साक्ष्यों पर गौर करते हुए शिकायत को दर्ज कर लिया है. अब मामले की सुनवाई 5 फरवरी को होगी.