उत्तराखंड के मदरसों में अब बच्चों को भारतीय सेना की वीरता और साहस की कहानी पढ़ने को मिलेगी। जी हां, ऑपरेशन सिंदूर को अब मदरसों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। इसकी जानकारी खुद उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष शमून काजमी ने दी है।
ऑपरेशन सिंदूर: सिलेबस में सेना का गौरव
शमून काजमी ने एक बयान में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारतीय सेना ने देश का मान बढ़ाया है। इस ऑपरेशन में सेना ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर दिया था। काजमी का कहना है कि ये कहानी हर बच्चे को जाननी चाहिए। इसलिए मदरसों के सिलेबस में ऑपरेशन सिंदूर को जोड़ा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पहलगाम में आतंकियों ने कायराना हमला कर कई बेगुनाह पर्यटकों की जान ली थी। इसके जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया और आतंकियों को उनके अड्डों में ही ढेर कर दिया। इस साहसिक कार्रवाई को बच्चों तक पहुंचाने के लिए ये फैसला लिया गया है।
बच्चों को बतानी चाहिए सेना की शौर्य गाथा
मीडिया से बात करते हुए शमून काजमी ने कहा कि उनका मकसद है कि देश के बच्चे भारतीय सेना के इस साहसी कदम के बारे में जानें। वो चाहते हैं कि नई पीढ़ी को पता चले कि कैसे सेना ने पहलगाम हमले का बदला लिया और देश का गौरव बढ़ाया। इसीलिए ऑपरेशन सिंदूर को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने का फैसला किया गया है।
उत्तराखंड के इस कदम से मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे न सिर्फ अपनी पढ़ाई करेंगे, बल्कि देश की सेना की वीरता और शौर्य की कहानियों से भी रूबरू होंगे।