देहरादून, राजसत्ता एक्सप्रेस। विधायक जी थोड़ी तो शर्म करो! आपके मख्यमंत्री, पिता के निधन पर भी फर्ज से टस-से-मस नहीं हुए.. पिता के अंतिम संस्कार के आगे नागरिक सेवा को सर्वोपरी समझा। और आप? ऐसी कौन सी इमरजेंसी आन पड़ी कि लॉकडाउन में ही लॉव-लश्कर लेकर बद्रीनाथ दर्शन के लिए निकल पड़े।
हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के विधायक अमनमणि त्रिपाठी की। अमनमणि के लिए गृह मंत्रालय की गाइड लाइन हो या प्रधानमंत्री की सोशल डिस्टेंसिग की नसीहत, कोई मायने नहीं रखती। नियम कायदे तो जनता के लिए हैं, कोरोना का संक्रमण भी जनता को ही तकलीफ देने के लिए है, वीआईपी तो वीआईपी है, उनके लिए सोशल डिस्टेंसिंग और क्ववारान्टाइन के नियम कहां मायने रखते हैं। विधायक का मन किया तो, तीन गाड़ियों में दस अन्य लोगों के साथ देहरादून से बद्रीनाथ जी की यात्रा पर निकल पड़े। इन लोगों को रविवार शाम चमोली जिले के कर्णप्रयाग के एसडीएम ने जिले में प्रवेश करने से रोक दिया। उनसे साफ शब्दों में कह दिया गया कि 14 दिन के क्वारान्टाइन की प्रक्रिया में रहना होगा।
दो बार गिरफ्तार हुए अमनमणि
लॉकडाउन का उल्लंघन करने के मामले में अमनमणि को रविवार रात ही ऋषिकेश में गिरफ्तार कर लिया गया था। जमानत पर छूटने के बाद विधायक और उनके सहयोगी वहां से निकल सके। विधायक और उनके सहयोगियों की मुश्किल तब बढ़ गई जब उन्हें बिजनौर के नजीवाबाद में पुलिस कार्रवाई झेलने पड़ी। लॉकडाउन उल्लंघन की धाराओं में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया, साथ ही उन्हें और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
योगी सरकार ने भी उनसे किनारा कर लिया। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि निर्दलीय विधायक अमनमणि अपने कृत्यों के लिए खुद जिम्मेदार हैं।
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जानें सीएम योगी के भाई ने क्या कहा
उत्तर प्रदेश के निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन को लेकर उत्तराखंड के टिहरी में मुकदमा दर्ज किया गया है। अमनमणि पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के के स्वर्गीय पिता आनंद सिंह बिष्ट के पितृ कार्य के नाम पर लॉकडाउन का उल्लंघन किया है। वहीं, सीएम योगी के भाई महेंद्र ने पितृ कार्य से इनकार किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक अमनमणि त्रिपाठी 10 लोगों के साथ उत्तराखंड के चमोली पहुंचे। उन्होंने सीएम योगी के पिता स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट के पिृत कार्य को पूरा करने की अनुमति मांगी थी, जिसके लिए उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने 10 लोगों के लिए अनुमति दे दी थी।
चमोली में SDM के साथ बदसलूकी
तीन गाड़ियों में चमोली पहुंचे अमनमणि ने एसडीएम कर्णप्रयाग के साथ बदतमीजी की, जिसके बाद ये मामला मीडिया में आ गया और सीएम योगी के पिता के पितृ कार्य का नाम लेने का भी खुलासा हुआ। अमनमणि पर आरोप है कि उन्होंने गौचर में डॉक्टर और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों के साथ भी बदसलूकी की।
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