उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सिल्कयारा सुरंग 12 नवंबर को ढह जाने के बार इसमें 41 मजदूर फंस गए। बीते 12 दिनों से इन श्रमिकों को निकाल के लिए युद्ध स्तर पर बचाव और राहत अभियान चलाए जा रहे है। क्षैतिज ड्रिलिंग के जरिए सुरंग के अंदर 44 मीटर पाइप लगाने के बाद शुक्रवार तक कुछ अच्छी खबर मिलने की उम्मीद थी. हालांकि, गुरुवार की रात ऑगर ड्रिलिंग मशीन के दोबारा काम करना बंद करने के बाद बचाव अभियान को एक और झटका लगा। सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए बचाव अभियान की स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। टनल में फंसे मजदूरों से लगातार बातचीत की जा रही है और उनकी जरूरत का सामान उन तक पहुंचा जा रहा है।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Former advisor to PMO, Bhaskar Khulbe says, "The situation is much better now. Last night, we had to work on two things. First, we had to revamp the platform of the machine… Parsons Company had done the ground penetration radar,… pic.twitter.com/2qbHYPqs04
— ANI (@ANI) November 24, 2023
सिल्कयारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए बचाव अभियान की स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक कमांडेंट के नेतृत्व में 15 सदस्यीय एनडीआरएफ टीम को बचाव अभियान सौंपा गया है। टनल के अंदर ड्रोन तकनीकी का इस्तेमाल भी करने की योजना है जिसके पता चल सके की टनल के अंदर रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान किस तरह की दिक्क़तें आ सकती हैं और उसको दूर कैसे किया जा सकता है।