उत्तरकाशी : 12 दिन बाद भी हाथ खाली, ड्रिलिंग मशीन में आई खराबी, अब सुरंग में जाएगा ड्रोन

उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सिल्कयारा सुरंग 12 नवंबर को ढह जाने के बार इसमें 41 मजदूर फंस गए। बीते 12 दिनों से इन श्रमिकों को निकाल के लिए युद्ध स्तर पर बचाव और राहत अभियान चलाए जा रहे है। क्षैतिज ड्रिलिंग के जरिए सुरंग के अंदर 44 मीटर पाइप लगाने के बाद शुक्रवार तक कुछ अच्छी खबर मिलने की उम्मीद थी. हालांकि, गुरुवार की रात ऑगर ड्रिलिंग मशीन के दोबारा काम करना बंद करने के बाद बचाव अभियान को एक और झटका लगा। सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए बचाव अभियान की स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। टनल में फंसे मजदूरों से लगातार बातचीत की जा रही है और उनकी जरूरत का सामान उन तक पहुंचा जा रहा है।

सिल्कयारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए बचाव अभियान की स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक कमांडेंट के नेतृत्व में 15 सदस्यीय एनडीआरएफ टीम को बचाव अभियान सौंपा गया है। टनल के अंदर ड्रोन तकनीकी का इस्तेमाल भी करने की योजना है जिसके पता चल सके की टनल के अंदर रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान किस तरह की दिक्क़तें आ सकती हैं और उसको दूर कैसे किया जा सकता है।

ऑगर ड्रिलिंग मशीन में तकनीकी खराबी के कारण उत्तरकाशी सुरंग में बचाव अभियान एक बार फिर रुक गया है। गुरुवार को जब बचाव अभियान अपने अंतिम चरण में था तो जिस प्लेटफॉर्म पर उपकरण लगा हुआ था उसमें कुछ दरारें आ गईं।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी बचाव अभियान की निगरानी के लिए रात भर घटनास्थल पर रहे। संभावना जताई जा रही है कि ड्रिलिंग का काम शुक्रवार सुबह 9:00 बजे शुरू हो सकता है। अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि फंसे हुए 41 श्रमिकों तक पहुंचने के प्रयास जारी हैं और बचाव दल श्रमिकों को वापस लाने के लिए मार्ग ढूंढने से सिर्फ कुछ मीटर दूर है।

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