उत्तराखंड- फिर बेबस होंगे यात्री, आधी रात से प्रदेशभर में थम जाएंगे रोडवेज के पहिए
उत्तराखंड में आज रात से 80 हजार यात्री बस सर्विस के लिए बेबस हो जाएंगे. दरअसल,अधिकारी कर्मचारी संयुक्त सभा में विभिन्न संगठनों ने सरकार पर परिवहन निगम को बंद करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है और आज 15 जनवरी की रात से पूरे सूबे में सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
प्राइवेट बसों के परमिट के खिलाफ विरोध
कर्मचारियों ने कार्य का बहिष्कार कर आज रात से हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. जानकारी के मुताबिक रोडवेज के सभी संगठन राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य राजमार्ग में प्राइवेट बसों को परमिट देने का विरोध कर रहे हैं. हड़ताल को लेकर सरकार की ओर से परिवहन सचिव ने गत 12 जनवरी को उत्तराखंड रोडवेज अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता भी की थी लेकिन वार्ता विफल रही.
सोमवार को कर्मचारी संयुक्त मोर्चे ने हल्द्वानी रोडवेज डिपो में आम सभा का आयोजन किया था और कहा कि सरकार राष्ट्रीय मार्गों पर निजी वाहन संचालकों को परमिट जारी कर रही है. सभा में कहा गया कि सरकार रोडवेज को खत्म करना चाह रही है. इसलिए ऐसी नीतियां लाई जा रही, जिससे रोडवेज ठप पड़ जाए. व्यवस्था को सुधारने की बजाए सरकार उसे और गर्त में ले जा रही है.
कर्मचारियों को तीन महीने से नहीं मिला वेतन
वक्ताओं ने कहा कि सरकार की ओर से 16 जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित हो रही है. सरकार को इसके एवज में निगम को 55 करोड़ रुपया देना है. पैसा नहीं मिलने के कारण कर्मचारियों को तीन माह से वेतन नहीं मिल पा रहा है. सभा में हल्द्वानी, भवाली रानीखेत, अल्मोड़ा, रामनगर, काशीपुर, रुद्रपुर, काठगोदाम डिपो के कर्मचारी मौजूद रहे.
बता दें कि मोर्चा द्वारा सरकार से कुमाऊं में रोडवेज के रूट पर निजी बसों के संचालन का शासनादेश निरस्त करने की मांग की गई. साथ ही निगम की 80 करोड़ की बकाया धनराशि जारी करने की मांग पूरी न होने पर आक्रोश है.