Cough Syrup: गांबिया में 66 बच्चों की मौत के बाद उज्बेकिस्तान ने बड़ा दावा किया है उज्जेबेकिस्तान ने कहा कि भारत में निर्मित कफ सिरप से 18 बच्चों की जान चली गई है. उज्बेकिस्तान के इस बड़े दावे के बाद भारत सरकार सतर्क हो गई है. सरकार ने उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मृत्यु को भारतीय कफ सिरप से जोड़ने के मामले में रिपोर्ट मांगी है.
भारत ने इस केस की जांच शुरू कर दी है और खांसी की दवा का प्रोडक्शन करने वाली कंपनी की नोएडा यूनिट में तब तक के लिए निर्माण रोक दिया गया है जब तक कि सैंपल का टेस्ट नहीं हो जाता. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि सैंपल्स को टेस्ट के लिए चंडीगढ़ स्थित लैब भेजा गया है और सरकार इस रिपोर्ट के मुुताबिक आगे कदम उठाएगी।
Joint inspection of Noida facility of Marion Biotech, was carried out by UP Drug Control & CDSCO team. Further action underway. Samples of cough syrup taken from manufacturing premises & sent to Regional Drugs Testing Laboratory, Chandigarh for testing: Union Health minister pic.twitter.com/XVk3fZpQHB
— ANI (@ANI) December 29, 2022
उज्बेकिस्तान के हेल्थ मिनिस्टर ने एक स्टेटमेंट में कहा कि जान गवाने वाले बच्चों ने नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित कफ सिरप डॉक्टर-1 मैक्स को पिया था. मंत्रालय ने कहा कि सिरप के एक बैच के लैब टेस्ट में एथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा पाई गई, जो एक हानिकारक पदार्थ है. इसमें यह भी कहा गया है कि बच्चों को बिना चिकित्सक के प्रिस्क्रिप्शन के घर पर सिरप दिया जाता था.
या तो उनके परिजनों द्वारा या फार्मासिस्ट की राय पर बच्चों को मानक डोज से अधिक दवा की दी जाती थी. मंत्रालय ने कहा कि इसमें यह पाया गया कि हॉस्पीटल में एडमिट होने से पहले बच्चों ने इस सिरप को 2-7 दिनों तक 2.5 से 5 मिलीलीटर की डोज में दिन में तीन से चार बार पिया था, जो मानक डोज से ज्यादा है.