नेपाल के रिटेल मार्केट में हाल ही में कुछ ऐसा दिखा जिससे लोगों को हैरानी हो रही है। नेपाल के रिटेल मार्केट में अचानक से हाल ही में 30 साल बाद भारतीय रुपये की वैल्यू गिर गई है। स्थानीय व्यापारियों के साथ ही पर्यटकों पर भी इसका असर पड़ रहा है। इतना ही नहीं, नेपाल के कस्टम ड्यूटी ऑफिस और कई पेट्रोल पंपों पर भी अब भारतीय रुपये को नहीं लिया जा रहा है।
नेपाल में भारतीय रुपये की वैल्यू लंबे समय से निर्धारित रही है। भारतीय रुपये ही नेपाल में ऐसी विदेशी करेंसी रही है जिसकी वैल्यू निर्धारित रही है। बाकी दूसरी करेंसियों की वैल्यू में हमेशा बदलाव देखने को मिला है। ऐसे में निर्धारित वैल्यू होने से नेपाल में भारतीय रुपये का हमेशा से ही धड़ल्ले से इस्तेमाल होता रहा है।
नेपाल में भारत के 100 रुपये की वैल्यू 160 नेपाली रुपये के बराबर है। पहले नेपाल के रिटेल मार्केट में 100 रुपये के भारतीय नोट के बदले 160 नेपाली रुपये आसानी से मिल जाते थे। पर अब 100 रुपये के भारतीय नोट के बदले 160 नेपाली रुपये तो छोड़िए, 140 नेपाली रुपये मिलना भी मुश्किल हो रहा है। कई जगहों पर तो 100 रुपये के भारतीय नोट के बदले मुश्किल से 130-135 नेपाली रुपये मिल रहे हैं।
जानकारों के मुताबिक भारत में दो बार नोटबंदी होने की वजह से नेपाल में भारतीय रुपये की वैल्यू पर असर पड़ा है। भारत में पहले 500 और 1,000 रुपये के नोट बंद हुए थे और फिर 2,000 रुपये के। पहली बार नोटबंदी होने पर नेपाल में 900 करोड़ रुपये से ज़्यादा प्रतिबंधित नोट जमा हो गए। भारत सरकार ने भी इन नोटों को लेने से मना कर दिया, जिसके बाद दिसंबर 2018 में नेपाल के राष्ट्र बैंक ने नेपाल में 100 रुपये से ज़्यादा के भारतीय नोट के चल को बंद कर दिया।
हालांकि इनडायरेक्टली इनका इस्तेमाल होता रहा। पर 2,000 रुपये के भारतीय नोट के बंद होने के बाद नेपाल सरकार ने अपने देश में सभी से, खास तौर पर व्यापारियों से यह कह दिया कि इन नोटों को बदलने में उनकी मदद नहीं की जाएगी। ऐसे में दो बार नोटबंदी और उसकी वजह से नेपाल में हुए नुकसान से वहाँ के मार्केट में लोगों का भारतीय रुपये से भरोसा कम हो गया और रिटेल मार्केट में भारतीय रुपये की वैल्यू भी कम हो गई।