आंध्रप्रदेश गैस कांड: फैक्ट्री से निकली घातक गैस से 10 मिनट के अंदर हो सकती है मौत, जानें इस गैस के बारे में सबकुछ

नई दिल्ली, राजसत्ता एक्सप्रेस। आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में फैक्ट्री से जहरीली गैस लीक होने से हुए हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। इस गैस की चपेट में आकर हजारों लोग बीमार हैं। फैक्ट्री से लीक हुई गैस कौन सी है? सेहत के लिए कितनी खतरनाक है यह गैस? इस गैस का इस्तेमाल कहां होता है और इससे क्या बनाया जाता है? हादसे के बाद से इन सभी सवालों के जवाब जानने की जिज्ञासा सभी के मन में होगी.. आइये आपको बताते हैं इस गैस के बारे में सबकुछ..

इस गैस का नाम एथनीलबेन्जीन है, इसे स्टीरीन गैस भी कहते हैं

विशाखापत्तनम की फैक्ट्री से जो केमिकल गैस लीक हुई उसे स्टीरीन या एथनीलबेन्जीन भी कहते हैं। यह एक ऑर्गेनिक कंपाउंड है। यह एक सिन्थेटिक केमिकल है जिसका कोई कलर नहीं होता है। लंबे समय तक इस गैस का इस्तेमाल न हो तो इसका रंग पीला पड़ जाता है। स्टीरीन बहुत ही ज्वलनशील होती है और जब यह जलती है तो बहुत ही जहरीली गैस रिलीज करती है। स्टीरीन का इस्तेमाल मुख्य तौर पर पॉलिस्टिरीन प्लास्टिक बनाने में किया जाता है।

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नर्वस सिस्टम खराब कर सकती है यह गैस

इस गैस की चपेट में आने वाले व्यक्ति का सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। सुनने की क्षमता के साथ दिमागी संतुलन भी बिगड़ सकता है। बाहरी वातावरण में आने के बाद स्टीरीन ऑक्सिजन के साथ आसानी से मिक्स हो जाती है। ऐसा होने पर हवा में कार्बन मोनो ऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। इसके संपर्क में आने के बाद लोगों के फेफड़ों पर बुरा असर पड़ता है और उनका दम घुटने लगता है। यह गैस बाद में दिमाग और रीढ़ की हड्डी पर भी असर डालती है। यही कारण था कि विशाखापत्तनम हादसे में गैस की चपेट में आकर लोग सड़कों पर बेहोश होकर गिरने लगे थे। कुछ डॉक्टरों ने बताया कि स्टीरीन न्यूरो-टॉक्सिन गैस है, जिसके संपर्क में आने के बाद सांस लेने में दिक्कत होती है। इससे 10 मिनट के भीतर प्रभावित व्यक्ति की मौत हो सकती है।

जानें पूरा मामला

आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में पॉलिमर संयंत्र से गैस रिसाव के बाद एक बच्चे समेत कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई। 800 से ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हजारों लोगों के जहरीली गैस से प्रभावित होने की आशंका है। अधिकारियों के मुताबिक, गैस रिसाव ने प्लांट के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों को प्रभावित किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी घटना पर करीब से निगाह रख रहे हैं। रेड्डी ने जिंदगियां बचाने और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हरसंभव कदम उठाने के लिए जिले के अधिकारियों से कहा है। उनके कार्यालय ने ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री विशाखात्तनम में किंग जॉर्ज अस्पताल जाएंगे जहां बीमारों का इलाज चल रहा है।

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