व्लादिमीर पुतिन पांचवीं बार बने रूस के राष्ट्रपति, शपथ ग्रहण के तुरंत बाद दुश्मनों को दिखाए तेवर

व्लादिमीर पुतिन 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बन गए हैं। मॉस्को के ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस के सेंट एंड्रयू हॉल में पुतिन ने ने 33 शब्दों में शपथ ग्रहण की। यह वही जगह है, जहां रूस के जार परिवार के 3 राजाओं एलेक्जेंडर 2, एलेक्जेंडर 3 और निकोलस 2 की ताजपोशी हुई थी।

शपथ ग्रहण करने के बाद पुतिन को 21 तोपों की सलामी भी दी गई। शपथ के बाद पुतिन ने अपने भाषण में कहा कि हम पश्चिमी देशों जो हमें अपना दुश्मन मानते हैं, उनके साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन यह उन पर निर्भर करता है कि वे हमसे बातचीत करना चाहते हैं या नहीं।

पश्चिमी देशों ने लगातार रूस में विकास को रोकने की कोशिश की है। वे सालों से हमारे खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाते आए हैं। पुतिन ने कहा कि यदि पश्चिमी देश हमसे बातचीत करना चाहते हैं तो उसमें सुरक्षा और रणनीतिक स्थिरता जैसे मुद्दे शामिल होने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हम चाहते हैं कि सभी देशों के पास एक जैसी सुरक्षा व्यवस्था हो।

हमें हर वक्त किसी भी चुनौती या खतरे के लिए तैयार रहना होगा। पुतिन ने 2000 में पहली बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इसके बाद से 2004, 2012 और 2018 में भी वे राष्ट्रपति बन चुके हैं।

इससे पहले अगस्त 1999 में पुतिन रूस के प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं। इसके बाद दिसंबर 1999 को वो कार्यवाहक राष्ट्रपति बने। पुतिन ने 1991 में सेंट पीटर्सबर्ग में मेयर के तौर पर राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। राजनीति में आने से पहले पुतिन खुफिया अधिकारी के रूप में भी काम कर चुके हैं।

शपथ ग्रहण समारोह में रूस की फेडरेल काउंसिल के सदस्य, स्टेट डूमा के सदस्य, हाईकोर्ट के जज समेत अलग-अलग देशों के राजदूत और डिप्लोमैटिक कॉर्प्स शामिल हुए। वहीं यूक्रेन से जारी रूस के युद्ध के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा समेत कई अन्य पश्चिमी देशों ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया।

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