दिग्गज अभिनेत्री वहीदा रहमान को मंगलवार को 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में भारतीय सिनेमा में उनके अमूल्य योगदान के लिए दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ‘गाइड’, ‘प्यासा’, ‘साहब बीबी और गुलाम’, ‘दिल्ली-6’, ‘कागज के फूल’ और कई अन्य फिल्मों के लिए जानी जाने वाली एक्ट्रेस ने सेल्युलाइड पर अनगिनत यादगार किरदार निभाए हैं और उनका करियर लगभग सात दशकों तक फैला है।
राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद रहे। वहीदा ने क्रीम और गोल्डन कलर की साड़ी पहनी थी और उसके साथ ग्रीन कलर का नेकलेस और मैचिंग झुमके पहने हुए थे। उन्होंने अपने बालों का जूड़ा बनाया हुआ था।
इस अवसर पर उपस्थित राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अभिनेत्री का खड़े होकर अभिनंदन किया।ऑडिटोरियम में वहीदा का एक वीडियो चलाया गया, जिसमें उनकी फिल्मों की झलकियां दिखाई गईं। वहीदा को वीडियो में यह कहते हुए देखा जा सकता है : “मेरे पिता एक आईएएस अधिकारी थे, और व्यापक विचारों वाले थे। बचपन में मैंने डॉक्टर बनने की ख्वाब देखा था, लेकिन फिर मुझे डांस का शौक पैदा हुआ। मेरे माता-पिता ने मुझे नहीं रोका। डांस सीखने के बाद मैं फिल्मों में आ गई।”
“सबसे पहले मैंने 1955 में तेलुगू फिल्म ‘रोजुलू मारायी’ की, जिसमें मेरा डांस सीक्वेंस था और यह सफल रही। फिर मुझे मेरी पहली हिंदी फिल्म ‘सीआईडी’ (1956) मिली। ‘गाइड’ मेरी पसंदीदा है, क्योंकि यह यह एक अलग किरदार है। मैं हमेशा अच्छे काम में विश्वास करती हूं और मैंने हमेशा अपने दिल की सुनी है। मैं चाहती हूं कि लोग मुझे अच्छी इंसान के रूप में याद रखें।”
अवॉर्ड मिलते ही 85 वर्षीय एक्ट्रेस इमोशनल हो गईं। पुरस्कार प्राप्त करने के बाद वहीदा ने कहा, ”मुझे बहुत सम्मानित महसूस हो रहा है। आज जिस मुकाम पर मैं खड़ी हूं, यह मेरी प्यारी फिल्म इंडस्ट्री की वजह से है। सौभाग्य से, मुझे टॉप डायरेक्टर्स, प्रोड्यूसर्स, राइटर्स, टेक्नीशियंस और म्यूजिक डायरेक्टर्स के साथ काम करने का मौका मिला। बहुत इज्जत दी, बहुत प्यार मिला।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं अपने मेकअप आर्टिस्ट, हेयर और कॉस्ट्यूम डिजाइनर को भी धन्यवाद देती हूं, जिन्होंने मेरे करियर में अहम भूमिका निभाई है। इसीलिए यह अवॉर्ड मैं अपने फिल्म इंडस्ट्री के सारे डिपार्टमेंट के साथ शेयर करना चाहती हूं। कोई भी इंसान अकेले पूरी पिक्चर नहीं बना सकता, निर्माता को हम सबकी जरूरत होती है। सबके योगदान से फिल्म पूरी होती है। अप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद।”