सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाला वजाहत खान अब खुद पुलिस की तलाश में है। कोलकाता पुलिस ने खान के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं में हेट स्पीच और सांप्रदायिक उन्माद फैलाने का मामला दर्ज किया है। जिस व्यक्ति ने शर्मिष्ठा को जेल भिजवाने की मुहिम चलाई थी, वही अब फरार हो चुका है। पुलिस के मुताबिक, खान ने सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्ट्स की थीं, जिनसे समाज में धार्मिक तनाव फैलने का खतरा पैदा हो गया।
वजाहत खान पर किसने और कहां दर्ज कराया केस?
कोलकाता के गोल्फ ग्रीन पुलिस स्टेशन में सुजीत घोष की शिकायत पर वजाहत खान के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। इसमें BNS की धारा 196(1)(a) (सांप्रदायिक दुश्मनी को बढ़ावा देना), धारा 299 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), धारा 352 (शांति भंग करने का इरादा) और धारा 353(1)(c) (अफवाह फैलाना) लगाई गई हैं। हैरानी की बात यह है कि खान के खिलाफ पश्चिम बंगाल के अलग-अलग थानों में कम से कम 5 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। गार्डन रीच, मेटियाब्रुज, आसनसोल और जेटिया पुलिस स्टेशनों में भी उस पर हेट स्पीच फैलाने के आरोप लगे हैं।
क्या वजाहत खान ने कामाख्या देवी का अपमान किया?
वजाहत खान की तलाश अब सिर्फ कोलकाता पुलिस ही नहीं, बल्कि असम और दिल्ली पुलिस भी कर रही है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने खुलासा किया कि खान पर कामाख्या देवी के अपमान का एक अलग मामला दर्ज है। असम पुलिस की एक टीम ने खान के घर पर छापा भी मारा, लेकिन वह नहीं मिला। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उसे आखिरी बार 1 मई को देखा गया था। हैरानी की बात यह है कि उसके परिवार ने अब तक कोई गुमशुदगी रिपोर्ट तक दर्ज नहीं कराई है।
शर्मिष्ठा पनोली 3 जून तक रहेंगी न्यायिक हिरासत में
इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई जब वजाहत खान ने शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। 30 मई को पनोली को गिरफ्तार कर लिया गया, और उसे 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2 जून को उसकी अंतरिम जमानत याचिका भी खारिज कर दी थी। दिलचस्प बात यह है कि खान ने पनोली की गिरफ्तारी का जश्न मनाते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किए थे, लेकिन अब उसका एक्स (ट्विटर) अकाउंट बंद कर दिया गया है।
क्या यह केस सोशल मीडिया हेट स्पीच की नई बहस छेड़ देगा?
यह मामला अब सिर्फ दो व्यक्तियों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सोशल मीडिया पर हेट स्पीच और कानूनी जिम्मेदारी की बड़ी बहस छेड़ दिया है। एक तरफ जहां शर्मिष्ठा पनोली जेल में हैं, वहीं उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाला वजाहत खान भी अब कानून के शिकंजे में फंस चुका है। सवाल यह है कि क्या इस केस के बाद सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स और एक्टिविस्ट्स अपनी भाषा पर संयम बरतेंगे? या फिर यह केस भी राजनीतिक और सांप्रदायिक विवादों की भेंट चढ़ जाएगा? अभी तो यह सिलसिला और लंबा खिंचता दिख रहा है।